21 August Bharat Band: 21 अगस्त को भारत भर के दलित संगठनों ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के आरक्षण से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया है। इस निर्णय में क्रीमीलेयर (उच्च आय वर्ग) को आरक्षण से बाहर करने की बात की गई है, जिसे विभिन्न दलित संगठनों और राजनीतिक पार्टियों ने अस्वीकार कर दिया है।
बहुजन समाज पार्टी का समर्थन
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने इस बंद का समर्थन किया है। बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे 21 अगस्त को होने वाले भारत बंद में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें। उन्होंने बसपा के सभी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया है कि वे शांति और अनुशासन के साथ इस आंदोलन में शामिल हों और आम जनता को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में जागरूक करें।
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आकाश आनंद की प्रतिक्रिया
बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारत बंद का आह्वान शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। आकाश आनंद ने बताया कि उनका समाज सहयोगी है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण उनकी आजादी पर हमला किया जा रहा है। उन्होंने 21 अगस्त को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने की अपील की है।
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मायावती की अपील और सरकार की प्रतिक्रिया
मायावती ने केंद्र की मोदी सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने और एक ऐसा बिल लाने की अपील की है, जिससे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी किया जा सके। उनका कहना है कि इस आदेश से दलित समुदाय को नुकसान होगा और कुछ राज्य सरकारें इसका गलत इस्तेमाल कर सकती हैं। मायावती का कहना है कि अभी भी एससी और एसटी वर्ग के साथ भेदभाव जारी है और यह फैसला इस असमानता को बढ़ावा देगा।
सोशल मीडिया पर विरोध और प्रशासनिक तैयारी
सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर कई दिनों से मुहिम चलाई जा रही है। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने भी 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किया है। इसके मद्देनजर खुफिया एजेंसियां और पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर हैं। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के कमिश्नर, आईजी, डीएम और एसपी के साथ बैठक की है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को ज्यादा संवेदनशील मानकर वहां विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है।