त्रिपुरा सरकार ने अपने 1.88 लाख कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में वृद्धि की घोषणा की है। यह बढ़ोतरी 1 नवंबर से प्रभावी हो गई है। इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों के कुल डीए की दर 30 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।
7वें वेतन आयोग के तहत नई बढ़ोतरी
राज्य सरकार ने मार्च 2018 में सत्ता में आने के बाद से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया था। इसके अंतर्गत डीए में कई चरणों में वृद्धि की गई है। इस साल मार्च में भी डीए में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। नई घोषणा के साथ, त्रिपुरा के कर्मचारियों का डीए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के 53 प्रतिशत की तुलना में 30 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
राज्य खजाने पर कितना प्रभाव पड़ेगा?
त्रिपुरा के खेल एवं युवा मामलों के मंत्री सुशांत चौधरी ने बताया कि 5 प्रतिशत डीए और डीआर में वृद्धि का निर्णय राज्य की आर्थिक चुनौतियों के बावजूद लिया गया है। इसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने पर लगभग 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इससे राज्य के 1.6 लाख से अधिक कर्मचारियों और 82,000 पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा।
विवरण | तथ्य |
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वृद्धि दर | 5% |
कुल लाभार्थी | 1.88 लाख कर्मचारी और पेंशनभोगी |
राज्य पर वित्तीय बोझ | 500 करोड़ रुपये |
कुल डीए वृद्धि | 30% (पिछली दर 26%) |
लागू तिथि | 1 नवंबर से |
डीए में वृद्धि का इतिहास
पिछले दो वर्षों में, त्रिपुरा सरकार ने डीए में 27 प्रतिशत की वृद्धि की है। मार्च में हुई पिछली बढ़ोतरी के बाद, केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के बीच डीए का अंतर घटकर 21 प्रतिशत हो गया था। इस नई घोषणा के बाद, यह अंतर और भी कम हो गया है, जिससे त्रिपुरा के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के मानकों के करीब पहुंचाने की कोशिश की गई है।
कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर
महंगाई भत्ते में यह बढ़ोतरी राज्य के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत का कारण बनी है। सरकार का यह कदम उनके वित्तीय बोझ को कम करने और जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में है। त्रिपुरा सरकार की यह पहल कर्मचारियों की जरूरतों को समझने और उनकी भलाई सुनिश्चित करने का स्पष्ट संकेत है।