रामगढ़ जिले की सीसीएल भुरकुंडा परियोजना की बलकुदरा खुली खदान में गुरुवार को स्थानीय ठेका मजदूरों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर काम रोक दिया। रैयत विस्थापित मोर्चा के बैनर तले सुबह 09:00 बजे ठेका मजदूरों ने सीसीएल प्रबंधन और आउटसोर्सिंग कंपनी पीएमएमई के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
मजदूरों की शिकायतें और आंदोलन की वजह
मजदूरों ने बताया कि उन्हें न्यूनतम मजदूरी नहीं दी जा रही है और वेतन का भुगतान भी समय पर नहीं हो रहा है। इसके साथ ही, मजदूरों को आई कार्ड भी जारी नहीं किए जा रहे हैं। इस संबंध में तीन महीने पहले, 6 मार्च को एक त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित की गई थी, जिसमें समस्याओं के समाधान का वादा किया गया था, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। बीते 8 अगस्त को फिर से सीसीएल प्रबंधन और पीएसएमई कंपनी को ज्ञापन दिया गया, लेकिन समस्याओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रशासनिक हस्तक्षेप और बातचीत
ठेका मजदूरों के आंदोलन की खबर सुनकर भुरकुंडा परियोजना पदाधिकारी मनोज कुमार पाठक और सौंदा डी परियोजना पदाधिकारी रामेश्वर मुंडा मौके पर पहुंचे। उन्होंने रैयत विस्थापित मोर्चा के प्रतिनिधियों और ठेका मजदूरों से बातचीत की और उनकी मांगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस आश्वासन के बाद मजदूरों ने अपना आंदोलन फिलहाल स्थगित कर दिया।
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प्रबंधन की ओर से आश्वासन
रैयत विस्थापित मोर्चा भुरकुंडा कोलियरी के अध्यक्ष सन्नी कुमार बेसरा ने बताया कि प्रबंधन ने अक्टूबर माह से रिवाइज मजदूरी देने, हर माह 10 से 15 तारीख के बीच वेतन का भुगतान सुनिश्चित कराने और इसी माह आई कार्ड जारी कराने सहित अन्य मांगों पर पहल करने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि शुक्रवार को मजदूरों को लिखित रूप में आश्वासन दिया जाएगा। अगर यह लिखित आश्वासन नहीं मिला, तो मजदूर पुनः आंदोलन करने को बाध्य होंगे।