रामगढ़ जिले के सीसीएल भुरकुंडा परियोजना की बलकुदरा खुली खदान में ठेका मजदूरों ने शनिवार को फिर से काम ठप कर दिया। रैयत विस्थापित मोर्चा के बैनर तले एकजुट हुए इन मजदूरों ने प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और सहमति के बावजूद उनकी मांगों पर लिखित आश्वासन न देने पर विरोध प्रदर्शन किया। सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक मजदूरों ने काम बंद रखा, जिससे खदान का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया।
प्रबंधन और मजदूरों के बीच वार्ता: मांगों पर बनी सहमति
प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर भुरकुंडा परियोजना के पदाधिकारी मनोज कुमार पाठक ने मौके पर पहुंचकर मजदूरों से बातचीत की। उन्होंने मजदूरों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ठेका मजदूर अपनी मांगों पर लिखित आश्वासन देने की मांग पर अड़े रहे। प्रबंधन द्वारा लिखित आश्वासन देने पर सहमति जताने के बाद ही मजदूरों ने आंदोलन वापस लिया।
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मजदूरों की मांगें: पहचान पत्र और न्यूनतम मजदूरी पर जोर
मजदूरों का कहना है कि वे पहचान पत्र, न्यूनतम मजदूरी, और समय पर भुगतान की मांग को लेकर कई बार सीसीएल और आउटसोर्सिंग कंपनी पीएसएमई के साथ वार्ता कर चुके हैं। हालांकि, सहमति जताने के बावजूद उन्हें लिखित आश्वासन नहीं दिया जा रहा है। 22 अगस्त को भी मजदूरों ने काम रोक दिया था, जिसके बाद प्रबंधन ने उनकी मांगों को मानने और लिखित आश्वासन देने पर सहमति जताई थी, लेकिन फिर भी यह आश्वासन नहीं मिला।
प्रमुख नेताओं की उपस्थिति: संघर्ष को समर्थन
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान जवाहरनगर के पूर्व मुखिया प्रदीप मांझी, जेएमएम जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र यादव, नकुल सिंह, संतोष मुंडा, संजय नायक, और कई अन्य प्रमुख नेता और मजदूर उपस्थित थे। इन नेताओं ने मजदूरों की मांगों का समर्थन किया और प्रबंधन से उनकी समस्याओं का समाधान करने की अपील की।