7th Pay Commission Matrix Calculation: सातवां वेतन आयोग (7th Pay Commission) सरकारी कर्मचारियों की सैलरी निर्धारण के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके तहत, पे मैट्रिक्स टेबल के अनुसार सैलरी की गणना की जाती है। आइए जानते हैं कि पे मैट्रिक्स क्या है और यह कैसे कर्मचारियों की सैलरी को प्रभावित करता है।
पे मैट्रिक्स टेबल (pay matrix table) क्या है?
7th Pay Commission matrix table: पे मैट्रिक्स टेबल एक सरल सैलरी स्ट्रक्चर है जिसे सातवें वेतन आयोग के तहत पेश किया गया था। यह टेबल केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी से लेकर सैलरी में होने वाली बढ़ोतरी की जानकारी प्रदान करता है। इस टेबल को विभिन्न पे लेवल्स में विभाजित किया गया है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी की गणना करना आसान हो जाता है। सातवें वेतन आयोग के तहत पांच सैलरी लेवल्स बनाए गए हैं।
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पे लेवल्स के तहत सैलरी की गणना
पे मैट्रिक्स टेबल के अनुसार, हर पे लेवल में न्यूनतम और अधिकतम सैलरी की सीमा तय की गई है:
- पहला पे लेवल: ₹18,000 से ₹56,900 तक
- दूसरा पे लेवल: ₹19,900 से ₹63,200 तक
- तीसरा पे लेवल: ₹21,700 से ₹69,100 तक
- चौथा पे लेवल: ₹25,500 से ₹81,100 तक
- पांचवां पे लेवल: ₹29,900 से ₹92,200 तक
इन पे लेवल्स के तहत, कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का निर्धारण होता है। साथ ही, इन पे लेवल्स के अनुसार कर्मचारियों को डीए (महंगाई भत्ता), एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस), ट्रैवल अलाउंस, और अन्य भत्ते भी दिए जाते हैं, जिससे उनकी कुल मासिक सैलरी निर्धारित होती है।
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सातवें वेतन आयोग के तहत सैलरी की गणना कैसे होती है?
7th pay matrix table: सातवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था। इस आयोग के तहत, कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को 2.57 गुना बढ़ाया गया था। इसका मतलब है कि छठे वेतन आयोग के तहत निर्धारित बेसिक सैलरी को 2.57 से गुणा करके सातवें वेतन आयोग की बेसिक सैलरी प्राप्त होती है। इस बेसिक सैलरी में डीए, एचआरए, ट्रैवल अलाउंस, और अन्य भत्तों को जोड़कर कुल मासिक सैलरी का निर्धारण किया जाता है।
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पे मैट्रिक्स की भूमिका
पे मैट्रिक्स टेबल सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके माध्यम से कर्मचारी अपनी सैलरी में होने वाली वृद्धि को आसानी से समझ सकते हैं और यह जान सकते हैं कि किस लेवल पर उनकी सैलरी क्या होगी। यह टेबल कर्मचारियों को उनकी सैलरी के विभिन्न घटकों को समझने में मदद करता है और उनके लिए सैलरी कैलकुलेशन को आसान बनाता है।
न्यूनतम सैलरी की सीमा
सातवें वेतन आयोग के तहत पे लेवल की न्यूनतम सीमा ₹18,000 तय की गई है। इसका मतलब है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी की सैलरी ₹18,000 से कम नहीं हो सकती। यह सुनिश्चित करता है कि सभी कर्मचारियों को एक निश्चित न्यूनतम सैलरी मिले।
समाप्ति
सातवें वेतन आयोग के तहत पे मैट्रिक्स टेबल सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कैलकुलेशन का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह कर्मचारियों को उनकी सैलरी संरचना को समझने और उनकी भविष्य की सैलरी वृद्धि की योजना बनाने में मदद करता है।