उरीमारी, हजारीबाग: फाइलेरिया मुक्ति अभियान के तहत उरीमारी स्थित शांति निकेतन विद्यालय, बगरैया में 208 छात्र-छात्राओं को फाइलेरिया की दवा दी गई। इस अभियान का आयोजन उप-स्वास्थ्य केंद्र बड़कागांव की सहिया दीदी रेशु देवी की देखरेख में किया गया। अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों को फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से बचाव के लिए जागरूक करना और उन्हें आवश्यक दवा उपलब्ध कराना था।
फाइलेरिया: कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
सहिया दीदी रेशु देवी ने बच्चों और उपस्थित लोगों को फाइलेरिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक परजीवी रोग है, जो मादा मच्छर क्यूलैक्स फैंटीगंस के काटने से फैलता है। ये मच्छर अधिकतर गंदे पानी, नालियों, और घरों के आसपास रुके हुए पानी में पनपते हैं। इस रोग के लक्षणों में ठंड लगना, तेज बुखार, हाथ-पैर की नसों का फूलना, दर्द होना, और जांघ में गिल्टी आना शामिल हैं। समय पर इलाज न होने पर यह रोग गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।
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दवा सेवन के निर्देश और सावधानियां
रेशु देवी ने यह भी बताया कि फाइलेरिया की दवा का सेवन करते समय कुछ सावधानियों का ध्यान रखना आवश्यक है। उन्होंने विशेष रूप से यह उल्लेख किया कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, और गंभीर रूप से बीमार लोगों को यह दवा नहीं दी जानी चाहिए। दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना चाहिए, और सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, शरीर पर सरसों या नीम का तेल लगाकर सोना भी फाइलेरिया से बचाव के लिए उपयोगी हो सकता है।
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विद्यालय के शिक्षकों और सहिया दीदियों का योगदान
अभियान के सफल संचालन में विद्यालय के निदेशक नरेश करमाली, प्रधानाध्यापक दिनेश करमाली, और अन्य शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। सहिया दीदी रेशु देवी के साथ-साथ रूपा देवी, प्रिया हेम्ब्रोम, और शैली देवी ने भी इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाई। उन्होंने बच्चों को दवा का महत्व समझाया और उन्हें सावधानियों के बारे में जानकारी दी।
स्थान | संख्या | दवा देने वाली टीम |
---|---|---|
शांति निकेतन विद्यालय | 208 | रेशु देवी और सहिया दीदियां |
अभिभावकों और बच्चों को दिया गया संदेश
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित अभिभावकों और बच्चों को फाइलेरिया से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी गई। बच्चों को फाइलेरिया की दवा के साथ-साथ सावधानियों का पालन करने की सलाह दी गई। इसके साथ ही, मच्छरों से बचाव के लिए घरों और आसपास की सफाई रखने और मच्छरदानी का उपयोग करने का संदेश दिया गया।
निष्कर्ष
शांति निकेतन विद्यालय में फाइलेरिया मुक्ति अभियान के तहत 208 बच्चों को दवा दी गई, जिससे बच्चों को इस गंभीर रोग से बचाव का अवसर मिला। इस तरह के अभियान न केवल बच्चों को सुरक्षित रखते हैं बल्कि उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी करते हैं।