रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। यह महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना धुर्वा के शहीद मैदान में आयोजित अभिनंदन सह मिलन समारोह के दौरान हुई। इस समारोह में केंद्रीय मंत्री सह झारखंड विधानसभा चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री सह झारखंड विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी हिमंता विश्व सरमा ने चंपाई सोरेन को भाजपा की सदस्यता दिलाई।
चंपाई सोरेन का संबोधन: संथाल परगना और आदिवासियों के अस्तित्व की रक्षा
अपने संबोधन में चंपाई सोरेन ने संथाल परगना की रक्षा और आदिवासियों के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए भाजपा को एकमात्र विकल्प बताया। उन्होंने कहा कि संथाल परगना की धरती और आदिवासी समाज को सुरक्षित रखने के लिए भाजपा सबसे उपयुक्त दल है। सोरेन ने अपने पूर्वजों के संघर्ष और उनकी विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि संथाल परगना का निर्माण तीर की नोंक पर हुआ है, और अब इसे घुसपैठियों से बचाना उनकी जिम्मेदारी है।
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पूर्वजों की विरासत और भाजपा का समर्थन
चंपाई सोरेन ने अपने संबोधन में बताया कि उनके पूर्वज भगवा धारण करते थे और सम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष करते थे। वे संथाल परगना के आदिवासियों के खून की बूंद हैं, और भाजपा के साथ मिलकर वे संथाल परगना के आदिवासियों को घुसपैठियों से बचाने का संकल्प लेते हैं। उन्होंने भाजपा को अपना राजनीतिक घर चुनने के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि सिद्दो-कान्हू की धरती संथाल परगना की रक्षा के लिए भाजपा सबसे उपयुक्त दल है।
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कांग्रेस पर निशाना: आदिवासियों के खिलाफ षड्यंत्र का आरोप
चंपाई सोरेन ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि झारखंड आंदोलन को कुचलने में कांग्रेस की भूमिका रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा से कोल्हान की धरती पर आदिवासियों के खिलाफ षड्यंत्र किया है और उन पर गोली चलवाई है। उन्होंने भाजपा को चुनने का कारण बताते हुए कहा कि भाजपा ही वह दल है जो सिद्दो-कान्हू की धरती संथाल परगना की रक्षा कर सकता है और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा कर सकता है।
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ये प्रमुख लोग थे उपस्थित
कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, झारखंड प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, सांसद विद्युत वरण महतो, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व सांसद गीता कोड़ा सहित कई नेता शामिल रहे।
निष्कर्ष
चंपाई सोरेन का भाजपा में शामिल होना झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उनके द्वारा दिए गए संदेश से साफ है कि वे संथाल परगना और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। भाजपा के साथ उनका यह नया अध्याय झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य को नई दिशा देने वाला हो सकता है।