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निजीकरण से घट रहे रोजगार, आरक्षण पर हमले, आइसा के छात्र-युवा कन्वेंशन में उठे मुद्दे

Issues raised in AISA's student-youth convention
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रांची: शुक्रवार को झारखंड की राजधानी रांची स्थित पुराने विधानसभा हॉल में अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) और इंकलाबी नौजवान सभा द्वारा “छात्र-युवा कन्वेंशन” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य अध्यक्ष संदीप जायसवाल ने की, जबकि मंच संचालन आइसा के राज्य सचिव काॅमरेड त्रिलोकीनाथ ने किया।

निजीकरण से घट रहे रोजगार के अवसर: काॅमरेड दीपांकर भट्टाचार्य

कन्वेंशन के मुख्य वक्ता भाकपा (माले) के महासचिव काॅमरेड दीपांकर भट्टाचार्य ने निजीकरण के बढ़ते प्रभावों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे राज्य में निजीकरण के कारण रोजगार के अवसर तेजी से घट रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के विकल्प सीमित हो रहे हैं, जिससे राज्य में पलायन की स्थिति उत्पन्न हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी, दलित, और पिछड़े समुदायों के छात्रों को आरक्षण के खिलाफ हमलों का सामना करना पड़ रहा है।

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आरक्षण और रोजगार के मुद्दे पर चर्चा

काॅमरेड दीपांकर भट्टाचार्य ने धार्मिक कट्टरवाद के प्रसार और आरक्षण के मुद्दों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सरकारी और शैक्षणिक संस्थानों में हो रही कटौती का सीधा असर युवाओं पर पड़ रहा है। उनके अनुसार, यह हालात रोजगार के अवसरों में कमी का कारण बन रहे हैं और युवाओं को मजबूरन पलायन करना पड़ रहा है। उन्होंने राज्य में सम्मानजनक रोजगार गारंटी की मांग की।

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मुद्दासमस्यामांग/समाधान
निजीकरणरोजगार के अवसर घट रहे हैंसम्मानजनक रोजगार गारंटी
आरक्षणआरक्षण विरोधी हमलों का सामनाआरक्षण की रक्षा
शैक्षणिक संस्थानों में कटौतीफीस वृद्धि, अनुदान में कटौतीनिरंतर आंदोलन

विधायक विनोद सिंह ने राज्य की समस्याओं पर रखी अपनी बात

झारखंड के बगोदर विधानसभा से विधायक काॅमरेड विनोद सिंह ने राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों को लागू करने में कई बाधाएं उत्पन्न की जा रही हैं। यह बाधाएं कभी राज्यपाल के माध्यम से, तो कभी हाइकोर्ट/सुप्रीम कोर्ट और जांच एजेंसियों का उपयोग कर उत्पन्न की जा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार राज्य को मिलने वाली सहायता में कटौती कर रही है, जिससे राज्य के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

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शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों पर हो रहे हमलों की चर्चा

आइसा के नेशनल प्रेसिडेंट नीलाशीष बोस ने शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों पर हो रहे हमलों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि छात्रहित की बात करने वाले कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है और नई शिक्षा नीति के नाम पर फीस में वृद्धि और अनुदान राशि में कटौती की जा रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि आइसा इन मुद्दों पर लगातार आंदोलन करेगी और छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।

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कन्वेंशन में सैकड़ों की उपस्थिति

कन्वेंशन में आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा के कई प्रमुख सदस्य मौजूद थे। इनमें अविनाश रंजन, विभा, दिव्या भगत, रंजित सिंह, गुड्डू भुइयां, संजना मेहता, जयबीर हसदा, सोनू, और शिव सहित सैकड़ों लोग शामिल थे। इनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी प्रभावी बना दिया और छात्रों तथा युवाओं के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया।

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निष्कर्ष

कुल मिलाकर, इस कन्वेंशन के माध्यम से आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा ने झारखंड में निजीकरण के खिलाफ और रोजगार, शिक्षा, और आरक्षण के मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये संगठन छात्रों और युवाओं के अधिकारों की लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

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