Jharkhand Weather Update: झारखंड में पिछले तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। बंगाल की खाड़ी से उठे डिप्रेशन ने अब डीप डिप्रेशन का रूप ले लिया है और इसका व्यापक असर पूरे राज्य में देखा जा रहा है। तेज हवाओं और भारी बारिश ने नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है और कई स्थानों पर भू-स्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बारिश का यह सिलसिला अगले दो दिनों तक जारी रह सकता है।
प्रभावित जिले और हवाओं की रफ्तार
Jharkhand Weather Update: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के रांची स्थित केंद्र के प्रमुख अभिषेक आनंद के अनुसार, राज्य के कई जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश दर्ज की गई है। पलामू संभाग और सिमडेगा में बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। साथ ही, गुमला, लोहरदगा, खूंटी और चतरा जिलों में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। रांची, बोकारो, हजारीबाग, गिरिडीह, कोडरमा और पूर्वी सिंहभूम के इलाकों में भी अत्यधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है।
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मौसम विभाग ने बताया कि हवा की गति 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक बनी हुई है, जबकि कुछ इलाकों में हवाओं की रफ्तार 70 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच रही है। इस स्थिति के चलते निचले इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे लोगों को आवागमन में कठिनाई हो रही है।
17 सितंबर को अलर्ट, 18 सितंबर से राहत की उम्मीद
Jharkhand Weather Update: मौसम विभाग ने आगामी 17 सितंबर को पलामू और गढ़वा जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा, चतरा और लातेहार जिलों में भी भारी बारिश हो सकती है। वहीं, संताल परगना के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई गई है।
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हालांकि, 18 सितंबर से झारखंड में मौसम धीरे-धीरे सामान्य होने की उम्मीद है। बारिश की तीव्रता में कमी आएगी और लोगों को राहत मिलनी शुरू होगी। इसके बावजूद, आईएमडी ने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है, विशेषकर उन इलाकों में जो बाढ़ और जलजमाव से प्रभावित हो सकते हैं।
सुरक्षा के उपाय और प्रशासन की तैयारी
Jharkhand Weather Update: मौसम के इस अप्रत्याशित बदलाव के चलते प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। खासकर निचले इलाकों और जलभराव वाली जगहों पर जाने से बचने की अपील की गई है। साथ ही, नदियों, बांधों और झरनों के पास जाने से मना किया गया है, क्योंकि पानी का बहाव तेज होने की संभावना है।
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प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्यों के लिए टीमें तैनात कर दी गई हैं, जो जरूरतमंद लोगों की मदद कर रही हैं। प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। आपदा प्रबंधन दल भी पूरी तरह से सक्रिय है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
झारखंड के मौसम की स्थिति पर नजर
झारखंड में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं और जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। खासकर दामोदर, स्वर्णरेखा और कोसी नदियों के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
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सरकार ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्देश दिया है। कुछ स्थानों पर सड़कों और पुलों के क्षतिग्रस्त होने की भी खबरें हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में आवागमन ठप हो गया है।
निष्कर्ष
झारखंड में डिप्रेशन के डीप डिप्रेशन में तब्दील होने से राज्य के कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश, तेज हवाओं और बाढ़ जैसी स्थिति ने लोगों को मुश्किलों में डाल दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, 18 सितंबर से मौसम सामान्य होने की उम्मीद है, लेकिन तब तक लोगों को सतर्क और सुरक्षित रहने की आवश्यकता है। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी हैं, और लोगों से अपील की गई है कि वे नदी, झरने और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहें।