Headlines

भुरकुंडा में FAO ने झारखंड की जोहार परियोजना पर किया डॉक्यूमेंट्री शूट, वैश्विक मंच पर पेश होगी सफलता की कहानी

FAO shoots documentary on Jharkhand's Johar project in Bhurkunda
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

रामगढ़, 26 सितंबर 2024: संयुक्त राष्ट्र संघ की अंतर्राष्ट्रीय संस्था फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (FAO) के विदेशी प्रतिनिधियों ने गुरुवार को भुरकुंडा के मतकमा चौक में एक डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग की। इस टीम में बैंकॉक की इस्टर और सिंगापुर के क्रिश सहित यूनिट के कई सदस्य शामिल थे। इस शूटिंग का उद्देश्य झारखंड की जोहार परियोजना पर आधारित था, जिसमें कृषि और ग्रामीण विकास के महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर किया गया।

जोहार परियोजना पर आधारित डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग

FAO के प्रतिनिधियों ने जोहार परियोजना से संबंधित फिल्मांकन के लिए मतकमा चौक स्थित जोहार एग्री मार्ट में डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग की। इस्टर और क्रिश ने मार्ट संचालक दीपक कुमार से कृषि में उपयोग होने वाले बीज, खाद, और फर्टीलाइजर जैसी वस्तुओं के बारे में जानकारी ली। इसके अलावा, उन्होंने क्षेत्र में कृषि से संबंधित आधुनिक तकनीकों और उपलब्धियों पर भी चर्चा की। इस दौरान उन्होंने जेएसएलपीएस के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से भी मुलाकात की और उनकी गतिविधियों के बारे में गहन चर्चा की।

7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ा तोहफा, महंगाई भत्ते में 4% की बढ़ोतरी

जोहार परियोजना: एक परिचय

जोहार परियोजना वर्ष 2017 में शुरू की गई थी और इसका समापन इस वर्ष जून में हुआ है। इस परियोजना के तहत झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत कृषि, सौर ऊर्जा आधारित लघु सिंचाई योजना, पशुपालन, मत्स्य पालन, और वनोपज से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। FAO द्वारा इस परियोजना के कार्यों का अवलोकन कर एक डॉक्यूमेंट्री तैयार की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य कृषि को उन्नत बनाने के साथ-साथ खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देना है, ताकि वैश्विक स्तर पर इसे एक प्रभावी मॉडल के रूप में अपनाया जा सके।

रामगढ़ दौरे पर मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सरकारी योजनाओं की समीक्षा और विकास कार्यों पर चर्चा

डॉक्यूमेंट्री का उद्देश्य और महत्व

FAO द्वारा शूट की जा रही यह डॉक्यूमेंट्री, परियोजना के कार्यों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने के लिए बनाई जा रही है। इस डॉक्यूमेंट्री में सेकेंडरी एग्रीकल्चर गतिविधियों जैसे पशुपालन और मत्स्य पालन पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। इसके अलावा, यह फिल्म भविष्य में कृषि आधारित परियोजनाओं के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करेगी और वैश्विक स्तर पर कृषि और ग्रामीण विकास के लिए FAO के प्रयासों को बढ़ावा देगी।

सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ ने 17 सूत्री मांगों को लेकर बरका-सयाल जीएम कार्यालय पर किया प्रदर्शन

डॉक्यूमेंट्री की उपलब्धता

यह डॉक्यूमेंट्री FAO की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि इसे अधिक से अधिक लोग देख सकें और झारखंड में कृषि और ग्रामीण विकास की इस महत्वपूर्ण परियोजना के प्रभावों का अध्ययन कर सकें। इसके माध्यम से वैश्विक कृषि समुदाय को सशक्त करने के उद्देश्य से कई नई दिशाओं में काम करने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।

सीसीएल भुरकुंडा: 38वीं माइंस रेस्क्यू प्रतियोगिता में दिखा अद्वितीय बचाव कौशल, विजेताओं की होगी जल्द घोषणा

प्रमुख उपस्थित अधिकारी

इस अवसर पर जेएसपीएल रांची के एसपीएम (मॉनिटरिंग एंड एवोल्यूशन) दीपक उपाध्याय, ओमप्रकाश, जेएसएलपीएस रामगढ़ के डीएलएम अजय कुमार लाल, डीएम अमित कुमार, डीएम (एफआई) प्रीति टोप्पो, पतरातू प्रखंड के बीपीओ अभिषेक वर्मा, एफटीसी प्रेम कोटवार, सुंदरलाल बेदिया, और कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

यह डॉक्यूमेंट्री न केवल जोहार परियोजना की उपलब्धियों को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करेगी, बल्कि यह झारखंड के ग्रामीण इलाकों में किए गए सराहनीय कार्यों को भी सामने लाएगी, जिससे अन्य देशों के लिए प्रेरणादायक मॉडल के रूप में उभर सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *