गिरीडीह जिले में शनिवार को एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया जब 10 लाख रुपये के ईनामी भाकपा माओवादी उग्रवादी रामदयाल महतो उर्फ बच्चन ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। जिले के पपरवाटांड़ स्थित पुलिस लाइन में यह आत्मसमर्पण “नई दिशा- एक नई पहल” कार्यक्रम के तहत हुआ। रामदयाल महतो की आत्मसमर्पण की यह कार्रवाई राज्य सरकार और सुरक्षा बलों की माओवादी विरोधी नीतियों की सफलता का प्रतीक मानी जा रही है।
आत्मसमर्पण समारोह में प्रमुख अधिकारियों की मौजूदगी
आत्मसमर्पण के इस कार्यक्रम में कई उच्च अधिकारी उपस्थित थे। पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) सुनील भास्कर, एसएसबी कमांडेंट सुजीत कुमार, 154 बटालियन सीआरपीएफ के सेकेंड कमांडेंट दलजीत सिंह, और गिरीडीह के एसपी डॉ. बिमल कुमार इस मौके पर मौजूद थे। अधिकारियों ने रामदयाल महतो का माला पहनाकर मुख्यधारा में स्वागत किया और उसे 10 लाख रुपये के इनाम का चेक प्रदान किया।
बरही प्रखंड की समस्याओं पर अटल विचार मंच का संकल्प, सड़क पर उतरने को तैयार
माओवादी पर 54 से अधिक मामले दर्ज
रामदयाल महतो झारखंड के सबसे कुख्यात माओवादियों में से एक था। उस पर गिरीडीह और धनबाद जिलों में 54 से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस कई वर्षों से उसकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही थी, लेकिन वह लगातार फरार चल रहा था। उसके खिलाफ हत्या, अपहरण, पुलिस पर हमले जैसे कई संगीन आरोप थे। उसकी आत्मसमर्पण से पुलिस और सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता मिली है।
रामगढ़-बोकारो एनएच पर दर्दनाक हादसा, पिता की मौत, बेटी बची
पुनर्वास योजना के तहत लाभ
पुलिस उप महानिरीक्षक सुनील भास्कर ने बताया कि झारखंड सरकार की “नई दिशा” पुनर्वास योजना के तहत रामदयाल महतो को ईनाम की राशि के साथ पुनर्वास अनुदान भी प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, उसे घर बनाने के लिए जमीन भी दी जाएगी। सरकार की यह योजना माओवादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रोत्साहित करती है और उनका पुनर्वास सुनिश्चित करती है।
हेमंत सोरेन ने 444 प्रशिक्षण अधिकारियों को दिया नियुक्ति पत्र, झारखंड में रोजगार की नई राह
माओवादियों के आत्मसमर्पण की बढ़ती प्रवृत्ति
झारखंड सरकार और सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे माओवादी विरोधी अभियानों के परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में माओवादियों के आत्मसमर्पण की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। “नई दिशा” जैसी पुनर्वास योजनाएं माओवादियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। रामदयाल महतो का आत्मसमर्पण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह सरकार की प्रभावी नीति का उदाहरण है।