कोडरमा: सामाजिक जागरूकता और लोकतंत्र को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से समर्पण संस्था ने होटल सेलिब्रेशन में एक तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। इस शिविर का उद्देश्य कार्यकर्ताओं के बीच संविधान, स्थानीय स्वशासन, विकेंद्रीकरण, और ग्राम सभा के सशक्तिकरण पर गहन चर्चा करना था। शिविर के दौरान, प्रतिभागियों ने संविधान के 73वें संशोधन, पंचायती राज अधिनियम, ग्राम सभा संचालन की नियमावली, और झारखंड की विशेषाधिकार योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।
संविधान और विकेंद्रीकरण पर विस्तृत चर्चा
शिविर में विशेष रूप से संविधान की पाँचवीं और छठी अनुसूचियों के तहत दिए गए विशेषाधिकारों पर चर्चा की गई। यह सत्र कार्यकर्ताओं को ग्राम सभा और पंचायती राज की शक्ति और उनके सफल संचालन के बारे में समझाने पर केंद्रित था। प्रतिभागियों ने झारखंड पंचायती राज अधिनियम और ग्राम सभा के महत्व को भी बारीकी से जाना, जिससे स्थानीय स्वशासन की ताकत को समझा जा सके।
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समर्पण संस्था की सामाजिक यात्रा
समर्पण संस्था के सचिव इन्द्रमणि साहू ने इस अवसर पर कहा कि समर्पण की यह यात्रा कोडरमा से शुरू होकर राज्य के कई जिलों तक पहुंच चुकी है। संस्था का मुख्य उद्देश्य महिलाओं, युवाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और उन्हें सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि “ग्राम स्वराज की दिशा में समर्पण का योगदान निरंतर बढ़ रहा है और ग्राम सभा का सशक्तिकरण हमारी प्राथमिकता है।”
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स्थानीय स्वशासन और कैडर निर्माण पर जोर
परियोजना प्रबंधक अलोक कुमार सिन्हा ने कहा कि पंचायतों में कैडर निर्माण की प्रक्रिया चल रही है, जो स्थानीय स्वशासन और ग्राम सभा सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत सरकारी योजनाओं से वंचित लोगों को जोड़ने और पंचायत समितियों को सक्रिय बनाने के लिए कई रणनीतियां बनाई गई हैं।
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सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत की समझ पर बल
मास्टर ट्रेनर सचिन कुमार ने ग्रामीण धरोहर और संस्कृति पर जोर देते हुए कहा कि गांव की सांस्कृतिक विरासत को समझना और उसका संरक्षण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने “गांव को जानो, गांव को समझो” पुस्तक के माध्यम से गांव की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान की गहरी समझ विकसित करने पर बल दिया।
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प्रशिक्षण में उपस्थित प्रमुख प्रतिभागी
इस प्रशिक्षण शिविर में पिंकी देवी, योगेश कुमार, सुनीता देवी, मनीषा कुमारी, मेरियन सोरेन, मुकेश कुमार यादव, और नमिता कुमारी सहित कई अन्य कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। प्रशिक्षण के दौरान, प्रतिभागियों ने स्थानीय स्वशासन और समुदाय की भागीदारी के बारे में अपने विचार और अनुभव साझा किए।