रामगढ़: सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड (सीसीएल), जो मिनीरत्न कंपनी है, ने सौर्य ऊर्जा आधारित व्यवस्था की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके तहत सीसीएल के बरका-सयाल प्रक्षेत्र में स्थित आदर्श क्षेत्रीय चिकित्सालय भुरकुंडा में सोलर पावर सिस्टम की शुरुआत हो चुकी है। अस्पताल की छत पर 88 केवी क्षमता के सोलर पावर ग्रिड सिस्टम को स्थापित कर दिया गया है, जिससे सौर्य ऊर्जा के माध्यम से बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
Highlights
• कुल 378 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर ग्रिड सिस्टम स्थापित करने की योजना
• तकरीबन 1.5 करोड़ की लागत से कई जगहों पर लगाए जा रहे संयंत्र
अस्पताल में सौर्य ऊर्जा से लाभ
इस सोलर पावर ग्रिड सिस्टम के लगने से अब अस्पताल में बिजली जाने की समस्या से निजात मिल गई है। इसके साथ ही, अस्पताल के सभी मेडिकल उपकरण निर्बाध रूप से कार्य कर सकेंगे, जिससे मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी। सौर्य ऊर्जा के इस्तेमाल से अस्पताल की बिजली खपत में भी कमी आएगी, जिससे सालाना लाखों रुपये की बचत होगी। इसके अलावा, यह पहल चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों और मरीजों के लिए भी सुविधाजनक साबित होगी।
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378 किलोवाट का सोलर पावर ग्रिड सिस्टम होगा स्थापित
सीसीएल ने पूरे बरका-सयाल प्रक्षेत्र में कुल 378 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर ग्रिड सिस्टम स्थापित करने की योजना बनाई है, जिसकी लागत लगभग 1.5 करोड़ रुपये होगी। यह सिस्टम अस्पताल के अलावा उरीमीरी परियोजना कार्यालय, बिरसा परियोजना कार्यालय, उरीमारी रिजनल वर्कशॉप, डीएवी उरीमारी, और डीएवी बरकाकाना में भी लगाया जाएगा। कुछ स्थानों पर इसका कार्य पहले ही शुरू हो चुका है, जबकि अन्य जगहों पर जल्द ही काम शुरू होने की संभावना है।
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सौर्य ऊर्जा: वर्तमान और भविष्य की आवश्यकता
विशेषज्ञों का मानना है कि कोयला और पेट्रोलियम जैसे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की सीमित उपलब्धता और इनके अत्यधिक उपयोग से पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इससे ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में सौर्य ऊर्जा का उपयोग एक बेहतर और पर्यावरण हितैषी विकल्प बनकर उभर रहा है। हालांकि, सोलर पैनलों में उपयोग होने वाले सिलिकन की मात्रा भी सीमित है, परंतु सौर्य ऊर्जा वर्तमान और भविष्य की जरूरत मानी जा रही है।
केंद्र सरकार की सौर्य ऊर्जा के प्रति पहल
केंद्र सरकार भी सौर्य ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत सरकार नागरिकों को घरों की छत पर सोलर पावर ग्रिड सिस्टम लगाने के लिए प्रेरित कर रही है और इसके लिए सब्सिडी भी प्रदान कर रही है। यह पहल भारत को गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की दिशा में आत्मनिर्भर बनाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।