रामगढ़ के भुरकुंडा और आसपास के इलाकों में आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ कल मंगलवार से नहाय खाय के साथ प्रारंभ हो रहा है। इस पावन अवसर को लेकर नदी और तालाब के तट पर श्रद्धालुओं द्वारा सफाई और घाट निर्माण का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। वहीं, विभिन्न छठ पूजा समितियों ने पूरे क्षेत्र में विद्युत सजावट और तोरण द्वार निर्माण का काम भी शुरू कर दिया है, जिससे पूरे इलाके का वातावरण भक्तिमय हो गया है।
भुरकुंडा बाजार में छठ पूजन सामग्रियों की धूम
छठ पूजा को लेकर भुरकुंडा बाजार में रविवार को दउरा, सूप, और फलों की जमकर खरीदारी हुई। सोमवार को भी बाजार में ग्राहकों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिल सकती है। बांस से बने सूप 100 से 125 रुपये प्रति पीस बिक रहे हैं, जबकि सामान्य दउरा 150 से 300 रुपये और दोहरी बुनाई वाला दउरा 250 से 550 रुपये प्रति पीस उपलब्ध है। वहीं पीतल के सूप की कीमत 550 से 1200 रुपये प्रति किलो तक है।
फलों के दाम में वृद्धि, स्टॉक के अनुसार भिन्नता
छठ पर्व के लिए फलों की मांग बढ़ने से फुटकर भाव में भी अंतर देखने को मिल रहा है:
- नारियल: 40 रुपये प्रति पीस
- केला: 50-60 रुपये प्रति दर्जन
- ईख: 40-50 रुपये जोड़ा
- सेब: 120-150 रुपये प्रति किलो
- संतरा: 100-120 रुपये प्रति किलो
- अनार: 160-200 रुपये प्रति किलो
- कागजी नींबू: 30-40 रुपये प्रति पीस
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- सिंघाड़ा: 50 रुपये प्रति किलो
- शरीफा: 80-100 रुपये प्रति किलो
- अनानास: 40-50 रुपये प्रति पीस
- नाशपाती: 120 रुपये प्रति किलो
- मौसमी: 70-80 रुपये प्रति किलो
- अमरख: 20 रुपये जोड़ा
- सुथनी: 80-100 रुपये प्रति किलो
- बेर: 80 रुपये प्रति किलो
- कच्ची हल्दी और अदरक: 100 रुपये प्रति किलो
छठ पर्व की तैयारियों और पूजन सामग्रियों की खरीदारी से बाजार में विशेष रौनक है, और भक्तजन पूरे उत्साह के साथ पर्व मनाने की तैयारियों में लगे हुए हैं।
छठ पर्व की तिथि
द्रिक पंचांग के अनुसार, छठ पूजा का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इस साल 2024 में षष्ठी तिथि 7 नवंबर दिन गुरुवार को तड़के सुबह (पूर्वाहन) 12 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और 8 नवंबर दिन शुक्रवार को तड़के सुबह (पूर्वाहन) 12 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी.
ऐसे उदया तिथि के अनुसार, छठ पूजा का पर्व 7 नवंबर दिन गुरुवार को ही मनाया जाएगा. छठ पूजा संपन्न करने के लिए इस तरह से शाम के समय का अर्घ्य 7 नवंबर को और सुबह का अर्घ्य 8 नवंबर को दिया जाएगा. इसके बाद व्रत का पारण किया जाएगा.
- छठ पूजा का पहला दिन, 5 नवंबर 2024- नहाय खाय
- छठ पूजा का दूसरा दिन, 6 नवंबर 2024- खरना
- छठ पूजा का तीसरा दिन, 7 नवंबर 2024-संध्या अर्घ्य
- छठ पूजा का चौथा दिन, 8 नवंबर 2024- उषा अर्घ्य
कार्तिक मास में मनाया जाने वाला छठ कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से 4 दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ प्रारंभ हो जाता है. सामान्य तौर छठ पर्व बोला जाता है. इसके अलावा इसे महापर्व, बड़का परब, सूर्य षष्ठी, डाला छठ, डाला पूजा और छेत्री पूजा के नाम से जाना जाता है. इस व्रत में महिला/पुरुष नए कपड़े पहनते हैं.
Faqs About Chhat Puja
- 2024 में छठ पूजा किस तारीख को है?– इस साल 2024 में षष्ठी तिथि 7 नवंबर दिन गुरुवार को तड़के सुबह (पूर्वाहन) 12 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और 8 नवंबर दिन शुक्रवार को तड़के सुबह (पूर्वाहन) 12 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे उदया तिथि के अनुसार, छठ पूजा का पर्व 7 नवंबर दिन गुरुवार को ही मनाया जाएगा.
- छठ पूजा का दूसरा नाम क्या है?– सामान्य तौर छठ पर्व बोला जाता है. इसके अलावा इसे महापर्व, बड़का परब, सूर्य षष्ठी, डाला छठ, डाला पूजा और छेत्री पूजा के नाम से जाना जाता है.
- छठ पूजा का महत्व क्या है?– सूर्य देव को जीवनदाता माना जाता है और छठी मैया को संतान की देवी. इस पर्व के माध्यम से लोग प्रकृति के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं. सूर्य, जल और वायु इन तीनों तत्वों की पूजा की जाती है. छठ पूजा करने से स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है.