8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है, क्योंकि सरकार 8वें वेतन आयोग पर विचार कर रही है। राष्ट्रीय संयुक्त परामर्श मशीनरी (NC-JCM) के स्टाफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने सरकार से इस आयोग की मांग की है। मिश्रा का कहना है कि देश की आर्थिक मजबूती को देखते हुए यह उचित समय है कि सरकार इस मुद्दे पर सकारात्मक निर्णय ले। NC-JCM एक ऐसा मंच है, जो कर्मचारियों और सरकार के बीच संवाद स्थापित करता है और वेतन एवं अन्य मुद्दों को सुलझाने का काम करता है।
NC-JCM द्वारा 8th Pay Commission की पुरजोर मांग
NC-JCM ने पहले ही केंद्र सरकार को 8वें वेतन आयोग की स्थापना के लिए दो मेमोरेंडम भेजे हैं। शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि हाल ही में उन्होंने वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे से मुलाकात कर इस मांग को दोहराया। मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में भारत की GDP और आर्थिक स्थिति मजबूत है, ऐसे में कर्मचारियों के वेतन में सुधार का समय उचित है।
वेतन आयोग का उद्देश्य और प्रक्रिया
वेतन आयोग का गठन सरकारी कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तों में सुधार के लिए किया जाता है। आयोग बनने के बाद यह सभी संबंधित पक्षों से चर्चा करता है और अपनी सिफारिशें सरकार को प्रस्तुत करता है। हालांकि, आयोग की सिफारिशों को लागू करने से सरकारी खजाने पर बड़ा भार पड़ता है। उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर सरकार पर लगभग 1.02 लाख करोड़ रुपये का भार पड़ा था।
7th Pay Commission की सिफारिशें और वर्तमान स्थिति
7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, जो फरवरी 2014 में गठित किया गया था। सामान्यतः हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग स्थापित होता है, लेकिन अभी तक 8वें वेतन आयोग के लिए सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। पिछले संसद सत्र में भी इस पर सवाल उठे थे, लेकिन वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया था कि फिलहाल 8वें वेतन आयोग का गठन सरकार के विचाराधीन नहीं है।
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निष्कर्ष: 8th Pay Commission की मांग से केंद्र के 1 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनर्स में उत्साह है। राष्ट्रीय संयुक्त परामर्श मशीनरी (NC-JCM) के स्टाफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा द्वारा उठाई गई इस मांग पर अब सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।