रांची: शनिवार को रांची कॉलेज में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) द्वारा शहीद भगत सिंह की 117वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों और उनके बलिदान को याद करते हुए छात्रों और आइसा के सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज परिसर में भगत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण से हुई, जिसमें सभी ने भाग लिया और एक मिनट का मौन रखकर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया।
भगत सिंह के विचारों का सामूहिक आदान-प्रदान
कार्यक्रम के दौरान भगत सिंह के विचारों पर आधारित दो प्रमुख लेखों—”विद्यार्थी और राजनीति” और “सांप्रदायिक दंगों का इलाज”—का सामूहिक पाठन किया गया। इन लेखों में भगत सिंह ने युवाओं के राजनीतिक दायित्व और सांप्रदायिकता के खिलाफ आवाज उठाने की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला था। उन्होंने इन मुद्दों पर युवाओं को जागरूक करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा दी थी। यह पाठन छात्रों के बीच भगत सिंह के गहरे और प्रगतिशील विचारों को उजागर करने का प्रयास था।
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आइसा के राज्य सचिव का प्रेरक संदेश
आइसा के राज्य सचिव त्रिलोकी नाथ ने छात्रों को संबोधित करते हुए भगत सिंह के अद्वितीय योगदान को याद किया। उन्होंने कहा, “भगत सिंह केवल एक स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, वे एक जीवंत विचारधारा थे। उनका जीवन आज भी युवाओं को समाज में परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करता है।” त्रिलोकी नाथ ने युवाओं से आग्रह किया कि वे भगत सिंह के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें और उनके विचारों के माध्यम से समाज में सुधार का प्रयास करें।
इस सारणी के माध्यम से भगत सिंह के जीवन, उनके कार्यों और उनके विचारों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया, ताकि छात्र उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें।
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छात्रों ने ली भगत सिंह के आदर्शों पर चलने की शपथ
कार्यक्रम के अंतिम चरण में उपस्थित छात्रों ने भगत सिंह के आदर्शों और विचारधारा को आगे बढ़ाने की शपथ ली। उन्होंने समाज में सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई लड़ने, धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करने, और संविधान व लोकतंत्र के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखने का संकल्प लिया। इसके साथ ही, उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और सम्मानजनक रोजगार के लिए संगठित होकर काम करने का भी संकल्प लिया।
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कार्यक्रम की विशेषताएं और संचालन
इस आयोजन का नेतृत्व रांची आइसा के प्रभारी संजना मेहता और मोहम्मद सम्मी ने किया। उनके नेतृत्व में कार्यक्रम का सफल संचालन हुआ। इस दौरान आइसा के सक्रिय सदस्य सत्यप्रकाश, प्रवीण कुमार, सोनू, कार्तिक, खुशनुमा परवीन, महविश शमीम और आस्था मिंज जैसे प्रमुख छात्र भी उपस्थित रहे। सभी ने इस अवसर पर भगत सिंह के विचारों को और अधिक प्रचारित करने का संकल्प लिया।