झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने शुक्रवार को अहम बैठक हुई। जिसमें 2 सितंबर को राज्य के सभी पेट्रोल पंप को बंद रखने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही, 17 अगस्त से पेट्रोल पंप कर्मी काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे। यह कदम उनकी 7 सूत्री मांगों के समर्थन में उठाया गया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह ने बैठक के बाद जानकारी दी कि पेट्रोलियम डीलर्स ने अपनी मांगों को जनता और जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाने के लिए व्हाइट पेपर का सहारा लेने का फैसला किया है।
VAT घटाने की मांग और अन्य मुद्दे
बैठक में प्रमुख रूप से VAT (मूल्य वर्धित कर) को 22 प्रतिशत से घटाकर 17 प्रतिशत करने की मांग की गई। पेट्रोलियम डीलर्स का मानना है कि उच्च VAT दरें उनके व्यापारिक हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं, जिससे उनके मार्जिन पर दबाव बन रहा है। इसके अलावा, पेट्रोलियम डीलर्स ने VAT रिटर्न से मुक्ति की मांग की है, जिससे उनके कार्यभार को कम किया जा सके और वे अपने व्यापारिक गतिविधियों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकें।
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जनता और जनप्रतिनिधियों तक पहुंचेगी आवाज
झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने यह भी निर्णय लिया है कि वे अपनी मांगों को जनता और जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाने के लिए व्हाइट पेपर का उपयोग करेंगे। इस प्रक्रिया के माध्यम से वे अपने मुद्दों को विस्तार से स्पष्ट करेंगे और जन समर्थन जुटाने की कोशिश करेंगे। इस रणनीति का उद्देश्य है कि सरकार और संबंधित विभाग उनकी समस्याओं को गंभीरता से समझें और समाधान के लिए उचित कदम उठाएं।
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केंद्र और राज्य सरकार से बढ़ी हुई मार्जिन की मांग
अध्यक्ष अशोक सिंह ने बताया कि पेट्रोलियम डीलर्स को हर तीन साल में रिनुअल चार्ज देना पड़ता है, जो कि उनके लिए एक अतिरिक्त वित्तीय भार है। इसके अलावा, पेट्रोल पंप मशीन के लिए हर साल 18 हजार रुपये का खर्च भी उन्हें वहन करना पड़ता है। ऐसे में, केंद्र और राज्य सरकार से पेट्रोलियम डीलर्स ने मार्जिन बढ़ाने की मांग की है, जिससे उनके व्यवसायिक स्थायित्व को सुनिश्चित किया जा सके।
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राज्यपाल के माध्यम से केंद्र तक पहुंचेगी मांग
झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि उनकी मांगों को राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार तक पहुंचाया जाएगा। एसोसिएशन का मानना है कि राज्यपाल से इस मुद्दे पर उचित समर्थन मिल सकता है, जिससे केंद्र सरकार पर दबाव बने और उनकी समस्याओं का समाधान हो सके। यह कदम उनके संघर्ष की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास होगा।