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झारखंड में बदलाव का संकल्प, टाइगर जयराम महतो ने झारखंडी हक के लिए उठाई आवाज

Jharkhand Loktantrik Krantikari Morcha
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रामगढ़ में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (Jharkhand Loktantrik Krantikari Morcha) के तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण महासभा का आयोजन किया गया। इस सभा का उद्देश्य राज्य में बदलाव की जरूरत पर जोर देना और झारखंड के मूल निवासियों के हक की आवाज बुलंद करना था। रामगढ़ कॉलेज मैदान में आयोजित इस महासभा ने राज्य की राजनीतिक और सामाजिक दिशा पर गहन चर्चा की।

मुख्य अतिथि के विचार -झारखंड के मूल उद्देश्यों से भटकाव

महासभा के मुख्य अतिथि, टाइगर जयराम महतो, जो झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) और झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति (JBKSS) के केन्द्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने अपने वक्तव्य में झारखंड राज्य के निर्माण के उद्देश्यों और वर्तमान स्थिति के बीच अंतर पर गहरा चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि झारखंड जिस उद्देश्य के साथ बना था, वह आज भी उससे कोसों दूर है। राज्य को बचाने और अपने अधिकारों को पाने के लिए एक बड़े बदलाव की आवश्यकता है।

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नियोजन नीति में बदलाव की मांग

टाइगर जयराम महतो ने झारखंड के स्थानीय लोगों के साथ हुए अन्याय पर सवाल उठाए और कहा कि राज्य की नियोजन नीति में सबसे पहला हक यहां के स्थानीय लोगों का होना चाहिए था। लेकिन, अब तक यह हक उन्हें नहीं मिल सका है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वे झारखंड के लोगों के लिए गैर मजरुवा जमीन का रसीद कटवाने का काम करेंगे और जमीन के मालिकों के अधिकारों की रक्षा करेंगे।

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नियोजन नीति के लिए प्रस्तावित सुधार

मुद्दावर्तमान स्थितिप्रस्तावित सुधार
स्थानीय लोगों का अधिकारनियोजन नीति में प्राथमिकता का अभावस्थानीय लोगों को प्राथमिकता देना
गैर मजरुवा जमीन का रसीदप्रक्रिया जटिल और समय-साध्यसरल और प्रभावी रसीद कटवाने की प्रक्रिया
लीज की अवधि99 साललीज की अवधि 25-30 साल तक सीमित

राज्य की स्थिति: साजिश और नीतिगत खामियां

मुख्य अतिथि ने कहा कि झारखंड के लोगों के साथ लगातार साजिशें की गई हैं, जिसके कारण राज्य की दशा अत्यधिक खराब हो चुकी है। आज भी लोग पांच किलो चावल के लिए लाइन में खड़े होने को मजबूर हैं। यह सरकार की नीतिगत खामियों और असफलताओं को दर्शाता है। उनका मानना है कि एक सशक्त और जिम्मेदार सरकार ही झारखंड को सही दिशा में ले जा सकती है।

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जनता के अधिकारों के लिए संघर्ष

सभा में यह भी चर्चा हुई कि झारखंड में जमीन और रोजगार जैसे मुद्दों पर तत्काल सुधार की आवश्यकता है। महासभा में भाग लेने वाले सभी प्रमुख नेताओं ने एकजुट होकर कहा कि जमीन देने वाला ही उसका मालिक होगा, चाहे उस पर किसी कंपनी या फैक्ट्री का अधिग्रहण क्यों न हो। इससे झारखंड के लोगों को उनके अधिकार मिल सकेंगे और वे अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकेंगे।

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भाग लेने वाले प्रमुख नेता और कार्यकर्ता

इस महासभा में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के कई महत्वपूर्ण नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे। इनमें रवि कुमार महतो, आनंद केटियार, पानेश्वर, सुदर्शन महतो, देवानंद कुमार, संतोष महतो, पंकज महतो, जिला मीडिया प्रभारी रमेश कुमार महतो, राजेन्द्र महतो, ओमप्रकाश महतो, डॉ. राजेश महतो, द्वारिका प्रसाद जैसे कई प्रमुख नाम शामिल थे।

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निष्कर्ष

महासभा के अंत में सभी ने एक स्वर में कहा कि झारखंड को उसके मूल उद्देश्यों से भटकने नहीं दिया जाएगा। झारखंड के मूल निवासियों के हक की रक्षा के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा। झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ने स्पष्ट संदेश दिया कि राज्य की जनता के अधिकारों और उनके भविष्य की रक्षा के लिए वह हर संभव प्रयास करेगी।

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