रामगढ़, 26 सितंबर 2024: भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) रामगढ़ जिला कमेटी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए शहर के सुभाष चौक पर उनका पुतला दहन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व रामगढ़ भाजयुमो जिला अध्यक्ष कुश श्रीवास्तव ने किया। विरोध का मुख्य कारण राज्य स्तरीय सीजीएल परीक्षा में पेपर लीक की घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार की विफलता बताई जा रही है।
सरकार पर युवाओं को धोखा देने का आरोप
प्रदर्शन के दौरान भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन सरकार ने एक बार फिर झारखंड के युवाओं को धोखा दिया है। सीजीएल (कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल) परीक्षा के प्रश्नपत्र के लीक होने की घटना ने कई युवाओं के सपनों को चकनाचूर कर दिया है। कई सालों की मेहनत के बाद जब युवा परीक्षा में शामिल होते हैं और यह सुनते हैं कि प्रश्न पत्र लीक हो गया है, तो उनके भविष्य पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है।
पारदर्शी परीक्षा कराने में सरकार विफल
भाजयुमो के अनुसार, राज्य सरकार पारदर्शी और निष्पक्ष परीक्षा आयोजित करने में पूरी तरह से असफल रही है। इस विफलता के चलते युवाओं में भारी आक्रोश है। कुश श्रीवास्तव ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनावों में झारखंड के शिक्षित और बेरोजगार युवा इस सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनता युवा मोर्चा हर समय झारखंड के युवाओं के साथ खड़ा है और हेमंत सोरेन सरकार की नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करता रहेगा।
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प्रदर्शन में शामिल प्रमुख नेता
इस विरोध प्रदर्शन और पुतला दहन कार्यक्रम में कई भाजपा और भाजयुमो के प्रमुख नेता एवं कार्यकर्ता शामिल हुए। इनमें भाजपा रामगढ़ जिला सोशल मीडिया प्रभारी राजीव रंजन पामदत्त, भाजपा नेता रुदल कुमार, रामगढ़ नगर अध्यक्ष सूर्यवंश श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष सुशांत पांडेय, अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष सैयद किरमानी, रुद्र कुमार, मणि शंकर ठाकुर, धीरेंद्र साव, सुनील पासवान, और युवा मोर्चा के शशि शेखर सिंह प्रमुख थे। इसके अलावा सौरव जयसवाल, सूरज तिवारी, अमित ठाकुर, सुमित अग्रवाल, सोनू तिवारी, विवेक श्रीवास्तव, अरविंद सिंह, और गुड्डू सोनकर समेत कई अन्य कार्यकर्ता भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंचे।
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आने वाले समय में बढ़ सकता है विरोध
भाजयुमो का मानना है कि यदि सरकार ने समय रहते पारदर्शिता और न्याय की दिशा में कदम नहीं उठाए, तो इस तरह के विरोध प्रदर्शन और भी तेज हो सकते हैं। पार्टी के नेताओं ने संकेत दिया कि वे राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ और भी बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं, ताकि झारखंड के युवाओं को उनके अधिकार और अवसर मिल सकें।
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