18 Months Stalled Dearness Allowance: महंगाई भत्ता (DA) केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो उन्हें बदलते आर्थिक हालात में राहत प्रदान करता है। हालांकि, कोविड-19 महामारी के दौरान 18 महीने के महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन अब, यह मुद्दा एक बार फिर से चर्चा में है, और खबरें आ रही हैं कि सरकार जल्द ही इसे रिलीज कर सकती है।
18 महीने के महंगाई भत्ते की मांग
DA Arrears Latest Update: केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से रुके हुए 18 महीने के महंगाई भत्ते (DA) को लेकर आवाज उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के दौरान केंद्रीय कर्मचारियों ने नेशनल काउंसिल के माध्यम से 14 प्रमुख मांगें रखी थीं, जिनमें से महंगाई भत्ता एक प्रमुख मुद्दा था। सरकार से इस रुके हुए भत्ते पर लगी रोक को हटाने की मांग तेज हो रही है, और कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनभोगी भी इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
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विषय | विवरण |
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महंगाई भत्ता | केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन और पेंशन में अतिरिक्त सहायता |
रोक का कारण | कोविड-19 महामारी के दौरान सरकारी खर्चों में कटौती |
मांगें | नेशनल काउंसिल के माध्यम से 18 महीने की DA राशि की बहाली की मांग |
सरकार का बयान | वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने रोक का कारण बताया |
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कोविड-19 के दौरान लिए गए फैसले
DA Arrears Latest Update: महामारी के दौरान, सरकार ने जनता की भलाई के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं में भारी धनराशि खर्च की, जिससे सरकारी खजाने पर अत्यधिक दबाव पड़ा। इसी के चलते, केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक महंगाई भत्ते को रोकने का फैसला लिया था। इस रोक का मुख्य उद्देश्य सरकारी वित्तीय संकट को कम करना था।
हालांकि, यह फैसला कर्मचारियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुआ और अब सरकार से अपेक्षा की जा रही है कि वह इस मुद्दे पर जल्द से जल्द फैसला ले।
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DA और DR का बेसिक सैलरी में विलय
विशेषज्ञों के अनुसार, महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) अगर 50% से अधिक हो जाती है, तो उसे बेसिक सैलरी में जोड़ दिया जाता है। इससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनभोगियों की पेंशन में भी वृद्धि होती है। हालांकि, सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में ऐसी किसी सिफारिश का उल्लेख नहीं किया गया है, परंतु यह संभावना बनी हुई है कि भविष्य में सरकार इसे लागू कर सकती है।
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सरकार की ओर से प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में अपने लिखित उत्तर में कहा कि महामारी के समय सरकार को जनता की भलाई के लिए किए गए भारी खर्च की वजह से महंगाई भत्ता जारी करना संभव नहीं था। हालांकि, अब सरकार इस फैसले पर फिर से विचार कर रही है और जल्द ही इस पर ठोस निर्णय लिया जा सकता है।
निष्कर्ष
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह समय उत्सुकता का है, क्योंकि सरकार जल्द ही 18 महीने से रुके हुए महंगाई भत्ते को लेकर सकारात्मक फैसला ले सकती है। इस फैसले से कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी की संभावना है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से राहत मिलेगी।