मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना पर रोक लगाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मंईयां सम्मान योजना को विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस योजना के तहत महिलाओं को प्रति माह एक हजार रुपये देने का वादा किया गया है, और सरकार ने इस योजना के तहत 42 लाख से अधिक महिलाओं को जोड़ने का दावा किया है। इस योजना को हेमंत सरकार की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, जिससे राज्य की महिलाओं को आर्थिक सहायता मिलने की उम्मीद है।


योजना पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका

हालांकि, इस महत्वाकांक्षी योजना पर अब संकट के बादल मंडराने लगे हैं। सिमडेगा के निवासी विष्णु साहू ने इस योजना के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। उन्होंने अपने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से यह याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि यह योजना आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए मतदाताओं को लुभाने के लिए बनाई गई है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया था कि मुफ्त में किसी को कुछ नहीं दिया जा सकता। याचिका में मांग की गई है कि इस योजना पर रोक लगाई जाए।

झारखंड विधानसभा चुनाव, कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने की रणनीतिक बैठक


मंईयां सम्मान योजना का विस्तृत विवरण

इस योजना के तहत यदि किसी परिवार में तीन महिलाएं और बुजुर्ग हैं, तो सरकार उन्हें सालाना 60,000 रुपये प्रदान करेगी। इसके अलावा, यदि वर्तमान सरकार फिर से सत्ता में आती है, तो इस राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति परिवार कर दिया जाएगा। नीचे दी गई तालिका में इस योजना का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया है:

इस योजना से राज्य की महिलाओं को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, और इसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

रामगढ़ में नशीले इंजेक्शन की खरीद-बिक्री, पुलिस ने किया एक गिरफ्तार


आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज

मंईयां सम्मान योजना का लाभ लेने के लिए महिलाएं अपने आवेदन आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, या शहरी क्षेत्रों में उपायुक्त द्वारा निर्धारित स्थानों पर जमा कर सकती हैं। इन केंद्रों पर सरकारी कर्मी या आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका द्वारा आवेदिकाओं से आवेदन प्राप्त किए जाएंगे और उन्हें पावती दी जाएगी, जिसमें प्राप्तिकर्ता का नाम, पदनाम और मोबाइल संख्या स्पष्ट रूप से अंकित होगी।

ऑफलाइन आवेदन भी स्वीकार किए जा रहे हैं, और आवेदन जमा हो जाने के बाद, डिजिटाइजेशन का कार्य जैप आइटी द्वारा विकसित पोर्टल पर उपायुक्त के दिशा-निर्देश में संपन्न कराया जाएगा।

झारखंड: राज्यकर्मियों के लिए 9% DA वृद्धि और अन्य महत्वपूर्ण फैसले


मतदाता पहचान पत्र की अनिवार्यता नहीं, दस्तावेज की सूची

महिलाओं के लिए राहत की बात यह है कि इस योजना के तहत अब मतदाता पहचान पत्र अनिवार्य नहीं होगा। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए एसओपी जारी कर दी है, जिसमें आवश्यक दस्तावेजों की सूची दी गई है। आवेदिका को आवेदन के साथ केवल एक पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड की छायाप्रति, बैंक पासबुक की छायाप्रति, और राशन कार्ड की छायाप्रति देनी होगी।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

निष्कर्ष

झारखंड की मंईयां सम्मान योजना, जिसे हेमंत सोरेन सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है, अब कानूनी विवाद में उलझ गई है। हाईकोर्ट में दाखिल याचिका के चलते इस योजना का भविष्य अनिश्चित हो गया है। राज्य की लाखों महिलाएं इस योजना से लाभान्वित होने की उम्मीद कर रही थीं, लेकिन अब सभी की नजरें हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *