जेल से बाहर आए केजरीवाल बोले, ‘100 गुना ज्यादा हौसले के साथ लौटा हूं’, जानें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की शर्तें

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार शाम तिहाड़ जेल से रिहा हो गए, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिली है। जेल से बाहर आने पर पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रशंसकों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। केजरीवाल ने जेल से बाहर आकर अपने समर्थकों को संबोधित किया और इस कठिन समय के बावजूद उनका मनोबल ऊंचा रहने की बात कही।

जेल से रिहाई के बाद केजरीवाल का संबोधन

तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपने चिर-परिचित अंदाज में कहा, “यह बाबा साहब के संविधान की ताक़त है कि दिल्ली का बेटा लौट आया है। अब क्रांति की मशाल फिर से जलेगी।” उन्होंने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि वे जेल से पहले से भी अधिक हौसले और आत्मविश्वास के साथ बाहर आए हैं। उन्होंने कहा, “जेल की सलाख़ें और दीवार मेरे हौसले को कम नहीं कर सकीं। मैं अब 100 गुना ज़्यादा ताक़त के साथ वापस आया हूं।”

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सुप्रीम कोर्ट की सशर्त जमानत

अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिली है। कोर्ट ने शर्तों के तहत केजरीवाल को इस मामले से संबंधित फाइलों और व्यक्तियों से दूर रहने को कहा है। साथ ही, उन्हें इस केस के बारे में कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह मुख्यमंत्री के तौर पर फिलहाल कार्य नहीं कर सकते।

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कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल

सुबह जमानत मिलने की खबर से ही आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है। मुख्यमंत्री की जेल से रिहाई पर देशभर से नेताओं और पार्टी के सदस्यों द्वारा उन्हें बधाइयां मिल रही हैं। पार्टी के समर्थकों के लिए यह एक बड़ी राहत की घड़ी है, और वे आने वाले समय में केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी के पुनरुत्थान की उम्मीद कर रहे हैं।

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भविष्य की चुनौतियां

हालांकि केजरीवाल को जमानत मिल गई है, लेकिन उनके सामने अभी भी बड़ी चुनौतियां हैं। उन्हें कानूनी मामलों के साथ-साथ राजनीतिक मोर्चे पर भी ध्यान देना होगा। पार्टी को इस समय संगठित और मजबूत बनाए रखने के लिए एक सशक्त नेतृत्व की आवश्यकता होगी, जो केजरीवाल के कंधों पर है।

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