रांची/देवघर: मिमांसा फाउंडेशन और वी द पीपल अभियान के संयुक्त तत्वावधान में देवघर जिले के मधुपुर में एक तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर संविधान से समाधान विषयक पर केंद्रित था और इसका आयोजन केनरा बैंक के ऊपर स्थित सभागार में किया गया। प्रशिक्षण का शुभारंभ प्रतिभागियों के परिचय और संस्था के उद्देश्यों के साथ किया गया।
प्रशिक्षण के मुख्य उद्देश्य और गतिविधियां
अयोध्या से आई प्रशिक्षिका इशिता सिंह ने बताया कि इस तीन दिवसीय शिविर का उद्देश्य नागरिकों को उनके संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना है। प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न गतिविधियों, फिल्म प्रदर्शनी और समूह चर्चाओं के माध्यम से लोगों को संविधान और उनके अधिकारों की जानकारी दी गई।
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प्रशिक्षण के तीन दिन की संरचना
- पहला दिन:
- प्रतिभागियों ने अपने समुदाय के मुद्दों और संवैधानिक मूल्यों की पहचान की।
- प्रतिभागियों को मानवता और संवैधानिक मूल्यों के साथ अपने जीवन के अनुभव साझा करने का अवसर दिया गया।
- संविधान की प्रस्तावना पर आधारित चर्चा और अनुभव साझा किए गए।
- दूसरा दिन:
- मौलिक अधिकारों का महत्व और राज्य के नीति निर्देशक तत्वों को समझाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- प्रतिभागियों को अपने मुद्दों के लिए रेलेवेंट केस और राज्य की संरचना समझाई गई।
- तीसरा दिन:
- प्रतिभागियों ने अपने मुद्दों को संविधान के साथ जोड़ने और संबंधित अथॉरिटी तक पहुंचने के तरीके सीखे।
- आवेदन पत्र लिखने की प्रक्रिया, संविधान के अनुरूप नागरिक यात्रा, और समाज व राज्य के स्तर पर तीन मुख्य कार्यों का चयन किया गया।
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प्रतिभागियों और स्थानों का योगदान
मिमांसा फाउंडेशन के पियूष झा ने बताया कि इस प्रशिक्षण में मधुपुर और करो प्रखंड के कई पंचायतों के प्रतिनिधि शामिल थे, जो अपने-अपने क्षेत्रों में विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर कार्यरत हैं। इस प्रशिक्षण से प्रतिभागियों की क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे उनके कार्य क्षेत्रों में मुद्दों के समाधान में मदद मिलेगी।
मुख्य प्रतिभागी
प्रशिक्षण में शाहजना परवीन, अनिता कुमारी, अनिता देवी, पिंकी देवी, गुलनाज हाशमी, सोनी कुमारी, पूजा कुमारी, गीता हंसदा, रीता देवी, शीशम देवी, जूली देवी, मधु देवी, मेरी मुर्मू, अंजू कुमारी, इशरत प्रवीण, इस्मत खातून, सलमा बेगम, पापली कुमारी, रीता देवी, मेघा झा, बबीता देवी, चांदनी कुमारी, मधु देवी, तानिया परवीन, फरीदा खातून, निखत परवीन और रानी खातून समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
इस शिविर के माध्यम से प्रतिभागियों ने संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता प्राप्त की, जो उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में मुद्दों के समाधान में सहायक सिद्ध होगी।