Dussehra Festival: शनिवार को रामगढ़ जिले के सयाल क्षेत्र में अधर्म पर धर्म की जीत का महापर्व दशहरा बड़े हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया गया। यह आयोजन स्थानीय हिलव्यू स्टेडियम में संपन्न हुआ, जहां रावण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया। इसके साथ ही, आयोजन स्थल पर लोगों ने जमकर आतिशबाजी का आनंद लिया, जो इस महापर्व की शोभा बढ़ाने के लिए खास आकर्षण का केंद्र रही।
मुख्य अतिथि के रूप में सीसीएल महाप्रबंधक अजय सिंह
Ravana Dahan: इस भव्य आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि सीसीएल बरका-सयाल महाप्रबंधक अजय सिंह उपस्थित थे, जिन्होंने रावण दहन की विधिवत शुरुआत की। कार्यक्रम का यह मुख्य आकर्षण था, जहां हजारों की संख्या में लोग एकत्रित होकर इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने। रावण और मेघनाद के पुतले का दहन करने से पहले लोगों ने जमकर आतिशबाजी का आनंद लिया, जिससे माहौल में उमंग और उल्लास का संचार हुआ।
विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
Vijayadashami 2024: इस कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथियों ने भी शिरकत की, जिनमें विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व सांसद और एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेन्द्र कुमार उपस्थित थे। इसके साथ ही, झारखंड सरकार परिवहन प्राधिकार समिति के सदस्य संजीव बेदिया, सयाल परियोजना पदाधिकारी सुबोध कुमार, बिरसा परियोजना पदाधिकारी डी. शिवादास और क्षेत्रीय सुरक्षा पदाधिकारी एन.के. सिंह भी इस अवसर पर मौजूद थे। इन सभी अतिथियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया।
समारोह में सामाजिक और सांस्कृतिक सहभागिता
दशहरा महापर्व के इस भव्य आयोजन में स्थानीय पूजा समिति और समाजसेवी संगठनों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पूजा समिति के सचिव शंकर सिंह, शम्भू नाथ, बिनोद कुमार और विस्थापित नेता सोनाराम मांझी ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं, भुरकुंडा ओपी प्रभारी निर्भय कुमार गुप्ता भी अपने सहयोगियों के साथ कार्यक्रम की सुरक्षा व्यवस्था को संभाल रहे थे।
धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का पर्व
सयाल के दशहरा महापर्व ने न केवल धार्मिक भावनाओं को मजबूत किया, बल्कि यह सामुदायिक एकता और संस्कृति के प्रति लोगों की निष्ठा को भी प्रदर्शित किया। रावण और मेघनाद के पुतले का दहन अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक माना जाता है, और इसे देखने के लिए सयाल के लोग हर साल बड़ी संख्या में एकत्रित होते हैं। इस वर्ष भी, कार्यक्रम ने धार्मिक आस्था और सामाजिक समरसता का अद्भुत उदाहरण पेश किया।