रांची के प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर में श्रावण मास की अंतिम सोमवारी पर एक विशेष धार्मिक आयोजन किया गया। इस अवसर पर मंदिर के मुख्य द्वार पर संध्या 5:00 बजे धार्मिक और सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य संध्या महाआरती का आयोजन किया गया। इस महाआरती में 501 महिलाओं ने पहाड़ी बाबा सहित अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की।
महाआरती में हर-हर महादेव और बोल बम के नारों की गूंज
महाआरती के दौरान पूरा पहाड़ी मंदिर परिसर भक्तों के जयकारों से गूंजायमान हो गया। “हर-हर महादेव” और “बोल बम” के नारों ने माहौल को और भी धार्मिक और आध्यात्मिक बना दिया। इस विशेष आयोजन में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और भगवान भोलेनाथ से अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना की।
RRB ALP Exam Date 2024: जाने कब होगी परीक्षा और कैसे करें एडमिट कार्ड डाउनलोड
महाभंडारे का आयोजन: श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया प्रसाद
महाआरती के बाद महाभंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया और भगवान भोलेनाथ से मंगलकामना की। महाभंडारे का आयोजन पूरे भक्तिमय वातावरण में किया गया, जो इस पर्व को और भी विशेष बना गया।
बाइक और स्कूटर चलाते हैं तो जान लें, 1 सितंबर से लागू हो रहा ये नया ट्रैफिक नियम
मुख्य अतिथियों की उपस्थिति
इस महाआरती और महाभंडारे में राज्यसभा सांसद डॉ. महुआ माजी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में रमेश सिंह, शंकर दुबे, और सोमवित माजी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भी इस धार्मिक आयोजन में भाग लिया और अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
संध्या महाआरती के सफल आयोजन में योगदान
संध्या महाआरती के सफल आयोजन में कई प्रमुख व्यक्तियों और संगठनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। नंद किशोर सिंह चंदेल, उज्जवल कुमार सिन्हा, रीना सिंह, विनोद सिंह, और अमन ठाकुर सहित कई अन्य लोगों ने इस आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। इनके अलावा, मंदिर के अन्य सहयोगियों ने भी अपने योगदान से इस आयोजन को एक अविस्मरणीय अनुभव बना दिया।
RPF कांस्टेबल और SI एडमिट कार्ड 2024: जल्द होगा जारी, जानें कैसे करें डाउनलोड
समाज और श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय आयोजन
इस विशेष आयोजन ने न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। इस महाआरती और महाभंडारे ने समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ लाने का कार्य किया, जिससे सामुदायिक भावना को बढ़ावा मिला।