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रांची: संत मरिया महागिरजाघर में ख्रीस्त राजा पर्व की भव्य शोभायात्रा

Grand procession of Christ the King festival in Ranchi Saint Mary's Church
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रांची: पुरूलिया रोड स्थित संत मरिया महागिरजाघर चर्च में रविवार को आर्चबिशप विसेंट आइंद, रांची प्रोविंश के अजित कुमार खेस और पल्ली पुरोहित आनंद डेविड खलखो की अगुवाई में ख्रीस्त राजा पर्व की शोभायात्रा निकाली गई। आरसी चर्च के 13 यूनिट के फादर, सिस्टर, धर्म बहनें और स्कूली छात्र-छात्राओं ने इसमें हिस्सा लिया।

शोभायात्रा पुरूलिया रोड से शुरू होकर मेन रोड, अल्बर्ट एक्का चौक, प्लाजा चौक और डंगराटोली चौक होते हुए लोयोला ग्राउंड पर समाप्त हुई। इस दौरान मार्ग पर यीशु हमारा राजा लिखी तख्तियां लिए विश्वासियों का समूह उपस्थित था। संत अन्ना और उर्सलाइन कॉन्वेंट स्कूल की छात्राओं ने पुष्प वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया। महिला विश्वासियों ने यीशु की पालकी उठाकर “ख्रीस्त हमारा राजा” का जयकारा लगाया।

संगीत और नृत्य से सजी यात्रा

शोभायात्रा में ढोल, नगाड़ा और मांदर की धुनों पर मोहल्लों की मंडलियां नाचते-गाते “हलेलुया प्रभु” गीत गा रही थीं। विश्वासियों ने यीशु की शिक्षाओं और सेवा भाव के संदेश को उजागर किया।

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यीशु मनुष्य के मुक्तिदाता: आर्चबिशप विसेंट आइंद

लोयोला ग्राउंड में सभा को संबोधित करते हुए आर्चबिशप विसेंट आइंद ने कहा कि यीशु केवल राजा नहीं, बल्कि मनुष्य के मुक्तिदाता हैं। उन्होंने कहा कि सांसारिक व्यवहार से परे जाकर ईश्वर का राज्य दया, क्षमा और प्रेम का प्रतीक है। यीशु का संदेश यह है कि जीवन में सच्चाई, सेवा और मेल-जोल को अपनाकर जीना चाहिए।

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इतिहास में यीशु का अटूट प्रभाव

आर्चबिशप ने बताया कि 2025 सालों बाद भी यीशु का राज्य अडिग है, जबकि इतिहास में कई साम्राज्य समाप्त हो गए। उन्होंने फ्रांस के राजा नेपोलियन बोनापार्ट के शब्दों का जिक्र करते हुए कहा कि यीशु का राज्य प्रेम और विश्वास के आधार पर टिका हुआ है।

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सभा के अंत में आर्चबिशप ने विश्वासियों को यीशु के प्रति सच्ची प्रजा बनने और उनके संदेशों को जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने सेवाभाव, प्रेमभाव और क्षमाभाव से परिवार और समुदाय को जोड़ने पर जोर दिया, ताकि यीशु के राज्य का संदेश हर जगह गूंज सके।

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