हजारीबाग जिले के बड़कागांव और केरेडारी प्रखंडों में हाल ही में हुई भारी बारिश ने व्यापक क्षति पहुंचाई है, जिससे कई पुल-पुलिया ध्वस्त हो गए हैं। इस वजह से स्थानीय लोगों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस संदर्भ में, सांसद मनीष जायसवाल ने हजारीबाग के उपायुक्त नैंसी सहाय से तत्काल आवश्यक कदम उठाने की अनुशंसा की है।
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बड़कागांव ध्वस्त पुल-पुलिया से क्षेत्र में स्थिति
बड़कागांव के जरजरा के तेतरिया पुल के ध्वस्त होने से धनतेलइया, अंबाटोला, बीहड़, गरसुल्ला, चानो, लुरूंगा सहित कई आदिवासी गांव के लोग आवागमन की सुविधा से वंचित हो गए हैं। यह पुल इन गांवों को मुख्य मार्ग से जोड़ता था, और इसके ध्वस्त होने से ग्रामीणों की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो गई है। लोगों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, और स्वास्थ्य सेवाएं भी बाधित हो रही हैं।
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केरेडारी क्षेत्र में समस्याएँ
केरेडारी प्रखंड के पांडु पुल और बुंडू बटुका गांव के कोती पुल के बह जाने से पांडु, बालेदौरी, कवेद, टुंडा, बलिया, तरहेसा, मनातू, बकचोम्मा, मसूरिया, लॉजीदाग, लोहरा, बुंडू, बटुका, खपिया, लोहरसा, कोले, पाताल, दुमारू, हेंडेगीर सहित अन्य गांव के लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इन पुलों के ध्वस्त होने से ग्रामीणों का जीवन कठिन हो गया है, और वे जरूरी सेवाओं से कट गए हैं।
सांसद की अनुशंसा और आवश्यक कदम
सांसद मनीष जायसवाल ने अपनी अनुशंसा में कहा है कि इन ध्वस्त पुलों के पुनर्निर्माण के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। उन्होंने सुझाव दिया है कि नए पुलों के निर्माण से पहले ग्रामीणों की समस्या को ध्यान में रखते हुए आवागमन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बहाल की जाए। इसके लिए अस्थायी पुल या बांस के पुल जैसी तात्कालिक व्यवस्थाओं की आवश्यकता है, ताकि लोग अपने दैनिक कार्यों में बिना किसी बाधा के लगे रह सकें।
स्थानीय प्रतिक्रिया
भाजपा उरीमारी मंडल के महामंत्री दिनेश करमाली ने सांसद द्वारा की गई अनुशंसा का स्वागत किया है और ग्रामीणों की ओर से धन्यवाद प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण पुलिया ध्वस्त होने से लोगों को भारी असुविधा हो रही है, और इस अनुशंसा से उनके लिए राहत की उम्मीद जगी है। ग्रामीण भी उम्मीद कर रहे हैं कि जिला प्रशासन जल्द ही इस समस्या का समाधान करेगा और उनकी कठिनाइयों को कम करेगा।
आगे की कार्रवाई
अब, सभी की निगाहें जिला प्रशासन पर हैं कि वे इन क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण के लिए कितनी जल्दी और प्रभावी कार्रवाई करते हैं। इस बीच, स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान होगा, ताकि वे अपने जीवन को सामान्य रूप से जारी रख सकें।