FASTag का दौर खत्म? GNSS सिस्टम से बदलने की तैयारी, जानें क्या है GNSS और इसके फायदे

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

नई दिल्ली। FASTag के दौर को खत्म होते हुए देखा जा सकता है, क्योंकि सरकार अब इसे बदलने के लिए एक नई व्यवस्था पर काम कर रही है। हालांकि, इस संबंध में अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन खबरें हैं कि सरकार “ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम” (GNSS) नामक एक नई तकनीक को लागू करने की तैयारी कर रही है। इस सिस्टम का जिक्र केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी कर चुके हैं, और फिलहाल यह तकनीक टेस्टिंग के चरण में है।

क्या है GNSS?

GNSS, यानी ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम, एक अत्याधुनिक सैटेलाइट आधारित तकनीक है जिसे भविष्य में टोल कलेक्शन के लिए उपयोग किया जाएगा। इस प्रणाली में एक सैटेलाइट आधारित यूनिट वाहन में इंस्टॉल की जाएगी। यह यूनिट अधिकारियों को यह ट्रैक करने में सक्षम बनाएगी कि वाहन ने टोल हाईवे का उपयोग कब शुरू किया है। जैसे ही वाहन टोल रोड से बाहर निकलेगा, सिस्टम स्वचालित रूप से टोल रोड के इस्तेमाल की गणना करेगा और तय राशि को काट लेगा। इस तकनीक का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यात्री केवल उतना ही भुगतान करेंगे जितना उन्होंने टोल रोड का उपयोग किया है।

Women’s T20 World Cup 2024: बांग्लादेश से यूएई शिफ्टिंग और रोमांचक मुकाबलों का नया शेड्यूल

GNSS के फायदे

ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम के आने से कई महत्वपूर्ण फायदे होंगे:

  • सटीक टोल भुगतान: इस तकनीक की मदद से यात्री टोल रोड के इस्तेमाल की सटीक राशि का पता कर सकेंगे और उतना ही भुगतान करेंगे।
  • लंबी कतारों से छुटकारा: पारंपरिक टोल बूथों के हट जाने से, जहां कई बार लंबी-लंबी कतारें लग जाती थीं, यात्रियों को इससे छुटकारा मिलेगा।
  • आधुनिक तकनीक: GNSS के उपयोग से टोल कलेक्शन में पारदर्शिता और प्रभावी निगरानी सुनिश्चित होगी।

RRB ALP Exam Date 2024: जानें कब होगी आरआरबी असिस्टेंट लोक पायलट की परीक्षा तिथियां जारी, चयन प्रक्रिया और एग्जाम पैटर्न

GNSS की लॉन्चिंग कब तक?

फिलहाल, सरकार ने GNSS सिस्टम की लॉन्चिंग को लेकर कोई निश्चित तारीख नहीं दी है। हालांकि, यह बताया जा रहा है कि देश के दो बड़े हाईवे पर इसकी टेस्टिंग चल रही है। इनमें कर्नाटक का बेंगलुरु-मैसूर नेशनल हाईवे (NH-257) और हरियाणा का पानीपत-हिसार नेशनल हाईवे (NH-709) शामिल हैं। शीर्ष अधिकारियों से हरी झंडी मिलने के बाद इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

इस लेख में GNSS सिस्टम से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई हैं, जो भविष्य में टोल कलेक्शन प्रणाली को और भी अधिक उन्नत और सुगम बनाएंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *