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झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: सियासी तापमान बढ़ा, 683 उम्मीदवारों में कड़ा मुकाबला

Jharkhand Assembly Election 2024
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झारखंड में विधानसभा चुनावों का पहला चरण 13 नवंबर को होगा, जिसमें 683 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस चुनाव में हर सीट पर औसतन 16 उम्मीदवार प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। इसके बाद दूसरा चरण 20 नवंबर को होगा और मतगणना 23 नवंबर को होगी।

पहले चरण के लिए बीजेपी का हाई-वोल्टेज प्रचार अभियान

बीजेपी के अभियान ने प्रचार के आखिरी दिन जोर पकड़ लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, जेडीयू के नेता राजा पीटर, और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी रैलियों से माहौल गर्म कर दिया है। इसी के साथ बीजेपी के अन्य दिग्गज नेता जैसे कि मिथुन चक्रवर्ती, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी भी प्रचार में लगे हैं।

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बीजेपी और जेएमएम गठबंधनों की चुनावी रणनीति

  • बीजेपी गठबंधन: इस बार बीजेपी एनडीए के विस्तार के माध्यम से वापसी की कोशिश कर रही है। एनडीए में ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU), झारखंड विकास मोर्चा (JVM), और जनता दल (यूनाइटेड) जैसे दलों का समर्थन है। बीजेपी की रणनीति राज्य सरकार की कमियों को उजागर करने और मतदाताओं को साधने पर केंद्रित है।
  • जेएमएम गठबंधन: दूसरी ओर, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की लोकप्रियता और उनकी जनकल्याणकारी योजनाओं के बल पर अनुसूचित जनजातियों और अल्पसंख्यकों का समर्थन जुटाने की उम्मीद कर रही है। जेएमएम गठबंधन का मुख्य उद्देश्य सत्ता में वापसी करना है।

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झारखंड का चुनावी भूगोल और क्षेत्रीय समीकरण

झारखंड को चुनावी दृष्टिकोण से पांच क्षेत्रों में विभाजित किया गया है:

  1. पलामू – 9 सीटें
  2. संथाल परगना – 18 सीटें
  3. उत्तर छोटानागपुर – 40 सीटें
  4. दक्षिण छोटानागपुर – 40 सीटें
  5. कोल्हान – 14 सीटें

राज्य में अनुसूचित जाति के लिए 9 सीटें और अनुसूचित जनजाति के लिए 28 सीटें आरक्षित हैं। बीजेपी अनुसूचित जाति की सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत मानती है, जबकि जेएमएम का अनुसूचित जनजाति की सीटों पर अच्छा प्रभाव है।

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अनुसूचित जाति और जनजाति की स्थिति

  • झारखंड की कुल आबादी में अनुसूचित जाति का हिस्सा लगभग 12% और अनुसूचित जनजाति का हिस्सा 26% है।
  • दक्षिण छोटानागपुर में अनुसूचित जनजाति के लिए 11 सीटें आरक्षित हैं, जबकि कोल्हान में 9 और संथाल परगना में 7 सीटें हैं।
  • अनुसूचित जाति की चार सीटें उत्तर छोटानागपुर में हैं, जबकि दो सीटें पलामू में और एक-एक सीट दक्षिण छोटानागपुर, कोल्हान, और संथाल परगना में हैं।

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प्रमुख चुनावी मुद्दे और मतदाताओं का मिजाज

इस चुनाव में जनता के सामने रोजगार, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, और अनुसूचित जाति-जनजाति की स्थिति जैसे मुद्दे हैं। भाजपा और जेएमएम के गठबंधन अपनी-अपनी नीतियों को लेकर मतदाताओं को आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।

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