रांची: झारखंड में साइक्लोनिक सर्कुलेशन के प्रभाव से मॉनसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। इस बदलाव के कारण रांची और राज्य के कई अन्य जिलों में बारिश की संभावना बढ़ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र ने इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी और येलो अलर्ट जारी किया है।
बारिश की संभावना और येलो अलर्ट
Jharkhand Weather: रांची स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, देवघर, दुमका, गुड्डा, साहिबगंज, पाकुड़, जामताड़ा और गिरिडीह जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिसका मतलब है कि यहां के मौसम में असामान्यता के संकेत हैं और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही, वज्रपात की संभावना भी व्यक्त की गई है, जिससे इन क्षेत्रों में एहतियात बरतने की आवश्यकता है।
महत्वपूर्ण जिलों में भारी बारिश की संभावना:
- देवघर
- दुमका
- गुड्डा
- साहिबगंज
- पाकुड़
- जामताड़ा
- गिरिडीह
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बारिश का असर और तापमान
राज्य के कई इलाकों में पिछले 24 घंटों में अच्छी बारिश देखी गई है। कोल्हान के जमशेदपुर इलाके में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है, जबकि सरायकेला में सबसे अधिक तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। इससे यह संकेत मिलता है कि कुछ इलाकों में मौसम में असमानता और अधिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
कृषि पर प्रभाव
झारखंड में खरीफ मौसम के दौरान धान की रोपाई की प्रक्रिया में तेजी देखी जा रही है। कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के अनुसार, राज्य में धान लगाने का लक्ष्य पूरा होने की ओर बढ़ रहा है। शुरू में मॉनसून की कमजोरी के कारण धान की रोपाई की रफ्तार धीमी थी, लेकिन हाल ही में हुई बारिश के बाद किसानों ने तेजी से रोपाई का काम पूरा किया है। अब तक लगभग 9.25 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई की जा चुकी है।
धान की रोपाई का विवरण:
- लक्ष्य: 51,500 हेक्टेयर
- पूरा होने की स्थिति: 9.25 लाख हेक्टेयर
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गोड्डा में कम बारिश
गोड्डा जिले में इस मौसम में सामान्य से 18 फीसदी कम बारिश हुई है। इस कमी के कारण किसानों को खेती में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। जुलाई और अगस्त में छिटपुट वर्षा होने से खेती का काम प्रभावित हुआ है। किसानों को दांड़ और नहरों के पानी से खेती करने की मजबूरी आ रही है। गोड्डा प्रखंड में तो खेती कार्य जुगाड़ के आधार पर किया जा रहा है, जिससे यह स्थिति और अधिक चिंताजनक हो गई है।
गोड्डा में वर्षा की कमी:
- कमी की प्रतिशत: 18%
- फसलों की स्थिति: प्रभावित
निष्कर्ष
झारखंड में मौसम के बदलते मिजाज और बारिश की संभावनाओं के बीच, किसानों और निवासियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए अलर्ट और अपडेट पर ध्यान देकर, लोगों को अपने दैनिक कार्य और खेती में उचित तैयारी करनी चाहिए।