रामगढ़ में झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष टाइगर जयराम महतो ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रोटेम प्रभारियों की जोन वाइज सूची जारी की है। इस सूची के माध्यम से विभिन्न जिलों के नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं।
प्रोटेम प्रभारियों की नियुक्ति
झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के तहत रामगढ़ जिले से केंद्रीय संगठन महामंत्री सह केंद्रीय कोर समिति सदस्य रवि कुमार महतो को कोल्हान प्रमंडल का प्रभारी बनाया गया है। जिला कोर कमेटी सदस्य बिहारी महतो को पलामू प्रमंडल का प्रभारी नियुक्त किया गया है और डॉ. राजेश महतो को धनबाद, बोकारो, और गिरिडीह जोन का प्रभारी बनाया गया है।
जमीनी फीडबैक और रिपोर्टिंग
सभी प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वे 15 दिनों के भीतर संगठन का जमीनी फीडबैक लेकर स्क्रीनिंग टीम को रिपोर्ट सौंपें। इस रिपोर्ट में प्रत्याशियों का फीडबैक और विस्तृत जानकारी शामिल होगी। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सही उम्मीदवारों का चयन हो सके और संगठन की जमीनी हकीकत का पता चल सके।
संगठन का आभार
झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति इकाई रामगढ़ ने शीर्ष नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया है। तीनों पदाधिकारियों को विधानसभा चुनाव हेतु प्रोटेम प्रभारी बनाए जाने पर संगठन के नेताओं और सदस्यों ने अपनी खुशी जाहिर की है।
आभार व्यक्त करने वाले प्रमुख सदस्य
आभार व्यक्त करने वालों में राजेंद्र बेदिया, बेरोजगार पनेश्वर, भारती कुशवाहा, रूपा महतो, जिला मीडिया प्रभारी रमेश कुमार महतो, पंकज महतो, प्रकाश प्रभाकर, प्रभु दयाल महतो, दीपक कुमार महतो, पवन कुमार महतो, संजय महतो, नीतीश कुमार महतो, राजेश महतो, लालू प्रसाद, चंदन महतो, भवानी महतो, अनिल महतो, सतेंद्र महतो, निखिल महतो, गोपाल महतो, प्रशांत चौधरी, हीरो महतो, विशाल महतो, सहदेव महतो, रविंद्र महतो, सनी महतो सहित अन्य शामिल हैं।
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संगठन की भूमिका और महत्व
झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा राज्य के विभिन्न मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभाते आ रहे हैं। इन संगठनों का मुख्य उद्देश्य है कि झारखंड के निवासियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उनकी आवाज़ को सरकार तक पहुँचाना।
भविष्य की रणनीति
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इन संगठनों ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है। प्रोटेम प्रभारियों की नियुक्ति और जमीनी फीडबैक का संकलन इसके महत्वपूर्ण भाग हैं। इन संगठनों का लक्ष्य है कि विधानसभा चुनाव में सही उम्मीदवारों का चयन हो और जनता की समस्याओं का समाधान हो सके।
निष्कर्ष
झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा की यह पहल संगठन की जमीनी पकड़ को मजबूत करने और आगामी विधानसभा चुनाव में सफलता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।