उरीमारी (हजारीबाग): विस्थापितों एवं ग्रामीणों ने बेरोजगारी और विभिन्न समस्याओं को लेकर पोटंगा पंचायत के भुरकुंडवा में रविवार को एक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक की अध्यक्षता विस्थापित संघर्ष मोर्चा के संरक्षक राजू यादव ने की। बैठक में क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं पर चर्चा की गई, जिसमें बेरोजगारी मुख्य मुद्दा रहा।
सड़क, पानी और बिजली की कमी बनी बड़ी समस्या
बैठक में ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को रखते हुए कहा कि पोटंगा पंचायत में सड़क, पानी, और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। खासकर चौक-चौराहों पर पर्याप्त लाइट की व्यवस्था नहीं है, जिससे रात के समय ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि इन बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण यहां के युवा पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।
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आउटसोर्सिंग कंपनियों में रोजगार की मांग
ग्रामीणों ने बताया कि उरीमारी क्षेत्र में बरका-सयाल प्रक्षेत्र के तहत चल रही आउटसोर्सिंग कंपनियों में स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। इस वजह से युवा अपने गांव-घर छोड़कर अन्य शहरों में काम की तलाश में जा रहे हैं। बैठक में जोर देकर कहा गया कि इन कंपनियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाए ताकि उनका पलायन रुक सके।
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बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा: राजू यादव
विस्थापित संघर्ष मोर्चा के संरक्षक राजू यादव ने कहा कि इस क्षेत्र का सबसे ज्वलंत मुद्दा बेरोजगारी है। उन्होंने कहा कि पोटंगा और आसपास के क्षेत्रों की जमीनें सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) ने अधिग्रहित कर ली हैं, जिससे ग्रामीणों के पास रोजगार के सीमित विकल्प बचे हैं। उन्होंने मांग की कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर दिए जाएं, ताकि वे अपनी आजीविका बेहतर तरीके से चला सकें और पलायन रुक सके।
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उपस्थित महत्वपूर्ण लोग
बैठक में पोटंगा पंचायत के मुखिया और विस्थापित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष चरका करमाली के अलावा कई महत्वपूर्ण लोग उपस्थित थे, जिनमें डॉ. जी आर भगत, धर्मदेव करमाली, कानू मरांडी, विश्वनाथ मांझी, दशाराम हेंब्रोम, मोहन मांझी, नरेश बेसरा, बहालाल बेसरा, विजय करमाली, रविंद्र, राजेंद्र, सिगू मांझी, रतन मांझी, विनोद प्रजापति, अरुण करमाली, सुनील सोनरा, अनिल, चंदन मांझी, विशाल, मानाराम मांझी, महेश करमाली, महेश गंझू, सरोज मुर्मू, और संजय समेत कई अन्य लोग मौजूद थे।