Modi Cabinet: केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच एक नई रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि यह नई रेल लाइन प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्रोजेक्ट के तहत मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए बनाई जाएगी। इस नई रेल लाइन से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग सहित उज्जैन और इंदौर के कई पर्यटन और धार्मिक स्थलों का आवागमन आसान होगा।
309 किलोमीटर लंबी रेल लाइन की विशेषताएँ
- लंबाई और मार्ग: प्रस्तावित रेल लाइन मुंबई से इंदौर के बीच 309 किलोमीटर लंबी होगी। यह रेल लाइन महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के छह जिलों से होकर गुजरेगी, जिससे इन राज्यों के बीच रेल संपर्क बेहतर होगा।
- लागत और अवधि: इस परियोजना की अनुमानित लागत 18,036 करोड़ रुपये है, और इसे 2028-29 तक पूरा कर लिया जाएगा।
- नए स्टेशन: इस परियोजना के अंतर्गत करीब 30 नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे रेल नेटवर्क में लगभग 309 किलोमीटर की वृद्धि होगी।
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परियोजना से जुड़े महत्वपूर्ण पहलू
विवरण | जानकारी |
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कुल लंबाई | 309 किलोमीटर |
परियोजना लागत | 18,036 करोड़ रुपये |
निर्माण की समय सीमा | 2028-29 तक |
नए रेलवे स्टेशन | 30 |
प्रभावित जिले | बडवानी, खरगोन, धार, इंदौर (म.प्र.) और नासिक, धुले (महाराष्ट्र) |
जुड़ने वाले गाँव | लगभग 1,000 |
प्रभावित जनसंख्या | लगभग 30 लाख |
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औद्योगिक विकास को मिलेगी रफ्तार
इस नई रेल लाइन के निर्माण से लगभग 1,000 गाँवों की करीब 30 लाख आबादी को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। रेल लाइन मध्य प्रदेश के बडवानी, खरगोन, धार, और इंदौर, तथा महाराष्ट्र के नासिक और धुले जिलों से होकर गुजरेगी। विशेष रूप से बड़वानी जिले को इस रेल लाइन से सबसे अधिक फायदा होने की संभावना है। यह परियोजना पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी भारत को मध्य भारत से जोड़ने का कार्य करेगी, जिससे औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
रेल निर्माण की गति में वृद्धि
पिछले कुछ वर्षों में रेल लाइन निर्माण की गति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जहां यूपीए सरकार के समय में प्रतिदिन औसतन 5 किलोमीटर नई रेल लाइन का निर्माण होता था, वहीं अब यह आंकड़ा 14 किलोमीटर प्रतिदिन से अधिक हो गया है। पिछले सप्ताह ही झारखंड-ओडिशा के बीच 300 किलोमीटर नई रेल लाइन के निर्माण का निर्णय लिया गया था, जो इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
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परियोजना से आर्थिक और सामाजिक लाभ
- पर्यटन को बढ़ावा: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और उज्जैन जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों के लिए यात्रा सुविधाएं बढ़ने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
- औद्योगिक हब के रूप में विकास: नई रेल लाइन औद्योगिक हब के रूप में इन क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच प्रस्तावित नई रेल लाइन न केवल रेल कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी बल्कि औद्योगिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस परियोजना से इन क्षेत्रों के नागरिकों को बेहतर आवागमन की सुविधा मिलेगी और आर्थिक प्रगति का रास्ता खुलेगा।