One Nation One Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट ने “एक देश-एक चुनाव” के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत, शीतकालीन सत्र में इस पर विधेयक लाने की संभावना है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में गठित उच्च स्तरीय समिति ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट पेश की है, जिसमें देशभर में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई है।
समिति की सिफारिशें और चर्चा
समिति ने देश के राजनैतिक दलों और विशेषज्ञों से व्यापक परामर्श लिया है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि देश में 1951 से 1967 के बीच एक साथ चुनाव संपन्न हुए थे, और इस दिशा में फिर से कदम उठाने के लिए व्यापक समर्थन मिल रहा है। संसदीय समिति की 79वीं रिपोर्ट (2015) में भी दो चरणों में चुनाव कराने के तरीके सुझाए गए थे।
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दो चरणों में चुनाव का प्रस्ताव
समिति ने सुझाव दिया है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव पहले चरण में और स्थानीय निकायों (पंचायत और नगर पालिका) के चुनाव 100 दिनों के भीतर दूसरे चरण में कराए जाएं। इसके अलावा, व्यापक राष्ट्रीय चर्चा कराने की भी सिफारिश की गई है ताकि विभिन्न दृष्टिकोण सामने आ सकें और जनता के बीच जागरूकता बढ़ सके।
निष्कर्ष
“एक देश-एक चुनाव” का प्रस्ताव राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। इसके सफल कार्यान्वयन के लिए राजनैतिक सहमति और कानूनी प्रावधानों की आवश्यकता होगी।