पतरातू: झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित मां पंचबहिनी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत केंद्र है। यह मंदिर पतरातू डैम के समीप स्थित है, जहां कल-कल बहती पानी की धारा और मंदिर की घंटियों की मधुर ध्वनि श्रद्धालुओं को दिव्य आनंद की अनुभूति कराती है।
मंदिर की स्थापना और धार्मिक मान्यताएं
मां पंचबहिनी मंदिर की स्थापना वर्ष 1965 में हुई थी। इससे पहले यहां पांच शिला पिंडियों को देवी स्वरूप मानकर पूजा की जाती थी। मंदिर में आदिशक्ति के पांच स्वरूप – मां दुर्गा, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती, मां काली और मां संतोषी – को पांच बहनों के रूप में पूजा जाता है। साथ ही, शीतला माता की भी विधिवत पूजा होती है। श्रद्धालु मन्नत मांगते हुए मंदिर में पत्थर चढ़ाते हैं। इस परंपरा के तहत नलकारी नदी में स्नान कर पत्थर निकालने के बाद मंदिर में पूजा करते हैं। मन्नत पूरी होने पर पत्थर को नदी में विसर्जित कर दिया जाता है।
विवाह का प्रमुख केंद्र
मां पंचबहिनी मंदिर झारखंड और बिहार के लोगों के लिए विवाह का एक लोकप्रिय स्थल बन चुका है।
- प्रत्येक वर्ष दर्जनों जोड़े यहां परिणय सूत्र में बंधते हैं।
- लग्न के समय मंदिर में विशेष भीड़ रहती है, और दूर-दूर से लोग यहां विवाह के लिए आते हैं।
मंदिर का नया स्वरूप
- पंचमुखी हनुमान मंदिर: दो वर्ष पूर्व यहां पंचमुखी हनुमान मंदिर का भी निर्माण किया गया, जिससे श्रद्धालुओं की आस्था और बढ़ी है।
- आध्यात्मिक अनुभव: मंदिर के समीप स्थित पतरातू डैम और उसकी सुरम्य घाटी यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अनूठा अनुभव प्रदान करते हैं।
पर्यटन और मंदिर दर्शन
पतरातू डैम झारखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां आने वाले श्रद्धालु मां पंचबहिनी मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना करना नहीं भूलते।
- पतरातू डैम की दूरी: राजधानी रांची से लगभग 41 किलोमीटर।
- यह क्षेत्र न केवल धार्मिक बल्कि प्राकृतिक पर्यटन का भी अद्भुत स्थल है।
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धार्मिक और प्राकृतिक महत्व की तालमेल
मां पंचबहिनी मंदिर, प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक आस्था का संगम है। यह न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं बल्कि दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों और भक्तों के लिए भी आध्यात्मिक शांति का केंद्र है।