उरीमारी, 27 सितंबर 2024: उरीमारी क्षेत्र में रैयत विस्थापित मोर्चा (रैविमो) ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें निर्णय लिया गया कि अगर स्थानीय विस्थापितों को रोजगार में प्राथमिकता नहीं दी गई, तो 30 सितंबर को मोर्चा उरीमारी परियोजना और आउटसोर्सिंग आशीर्वाद कंपनी का काम बंद कर देगा। यह बैठक भुरकुण्डवा फुटबॉल मैदान में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता जुरा सोरेन और संचालन बिनोद हेम्ब्रम ने किया।
आंदोलन की चेतावनी
सूरज बेसरा ने कहा कि मोर्चा ने 19 सितंबर को उरीमारी परियोजना पदाधिकारी को 350 बेरोजगार विस्थापितों की सूची सौंपी थी, लेकिन अब तक प्रबंधन की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। इसके विरोध में मोर्चा ने 30 सितंबर को परियोजना और आउटसोर्सिंग कंपनी का काम पूरी तरह बंद करने की चेतावनी दी है। सूरज बेसरा ने स्पष्ट किया कि स्थानीय विस्थापितों को रोजगार में प्राथमिकता देना जरूरी है, और अगर ऐसा नहीं होता है, तो आशीर्वाद कंपनी को काम करने नहीं दिया जाएगा।
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रोजगार में प्राथमिकता की मांग
बैठक में पोटंगा पंचायत के उप मुखिया रविन्द्र सोरेन ने कहा कि आउटसोर्सिंग आशीर्वाद कंपनी में बाहर के लोगों को काम में लगाया गया है, जबकि स्थानीय विस्थापित बेरोजगारों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ना होगा।
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आंदोलन में शामिल होंगे हजारों लोग
मोर्चा सचिव बिनोद हेम्ब्रम ने कहा कि गांव के विभिन्न इलाकों से हजारों की संख्या में महिला-पुरुष आंदोलन में शामिल होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मोर्चा के बैनर तले आशीर्वाद कंपनी के सभी पदों पर स्थानीय बेरोजगार विस्थापितों को रोजगार देने के लिए दबाव बनाया जाएगा। उन्होंने इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी ग्रामीण क्षेत्रों से भागीदारी की अपील की।
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बैठक में उपस्थित लोग
इस महत्वपूर्ण बैठक में रैविमो के कई प्रमुख नेता उपस्थित थे, जिनमें सन्नी सोरेन, जीतन मुण्डा, पंकज हेम्ब्रोम, साहेब राम बेसरा, विजय सोरेन, अजय बेसरा, सुखराम बेसरा, अजय मरांडी, आनंद बेसरा और रवि सोरेन सहित कई अन्य लोग शामिल थे।