केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 6 से 12 तक के साइंस विषय के इंटरनल असेसमेंट में गड़बड़ियों को रोकने के लिए एक नई योजना बनाई है। यह योजना छात्रों के अंकन में होने वाली विसंगतियों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से ब्रिटिश काउंसिल के साथ मिलकर तैयार की गई है। इस लेख में हम सीबीएसई के इस नए फ्रेमवर्क के बारे में विस्तार से जानेंगे और कैसे यह छात्रों और स्कूलों के लिए महत्वपूर्ण होगा।
इंटरनल असेसमेंट में सुधार: फ्रेमवर्क का महत्व
सीबीएसई ने इंटरनल असेसमेंट में आने वाली गड़बड़ियों, जैसे मार्क्स में अनावश्यक उतार-चढ़ाव और अत्यधिक इजाफे की समस्याओं को हल करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार किया है। यह फ्रेमवर्क छात्रों के असाइनमेंट और प्रैक्टिकल्स के अंकन में होने वाली अनियमितताओं को समाप्त करेगा। इसके लिए सीबीएसई ने ब्रिटिश काउंसिल के साथ मिलकर काम किया है। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्र सही और निष्पक्ष तरीके से अंकित हों।
IMD Alert: बिहार के 14 जिलों में तीन घंटे के दौरान बारिश और वज्रपात की संभावना
सीसीटीवी कैमरों का उपयोग और डेटा बैंक की स्थापना
फ्रेमवर्क के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में, सीबीएसई ने स्कूलों में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य परीक्षा के दौरान होने वाली किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकना है। सीसीटीवी कैमरों द्वारा रिकॉर्ड की गई फुटेज को एक केंद्रीय डेटा बैंक में सुरक्षित रखा जाएगा, जिसे सीबीएसई मुख्यालय में नियंत्रित किया जाएगा।
इस डेटा बैंक में परीक्षा के दिन हर एग्जाम सेंटर से वेब लिंक के माध्यम से रिकॉर्डिंग अपलोड की जाएगी। इस कदम से परीक्षा में पारदर्शिता बढ़ेगी और गलतियों या धोखाधड़ी की संभावनाएं कम होंगी।
पेरिस 2024 पैरालंपिक्स: भारत के दिग्गज खिलाड़ी जो इस बार नहीं होंगे शामिल
पायलट प्रोजेक्ट: 30% केन्द्रों पर लागू होगा प्रारंभिक चरण
सीबीएसई का यह फ्रेमवर्क पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा। इसके तहत किसी क्षेत्र के 30% एग्जाम सेंटरों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के आधार पर इस फ्रेमवर्क का विस्तार सभी केन्द्रों तक किया जाएगा। इस योजना के तहत एक विशेष कमिटी भी बनाई जाएगी, जो बुनियादी ढांचे, आईटी सिस्टम और स्कूलों से जुटाए गए डेटा को संभालेगी।
फ्रेमवर्क के प्रमुख बिंदु | विवरण |
---|---|
फ्रेमवर्क का उद्देश्य | इंटरनल असेसमेंट में गड़बड़ियां रोकना |
सीसीटीवी कैमरों का उपयोग | स्कूलों में स्थापित, परीक्षा की रिकॉर्डिंग |
केंद्रीय डेटा बैंक | सीबीएसई मुख्यालय में, सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित |
पायलट प्रोजेक्ट | 30% एग्जाम सेंटरों पर प्रारंभिक चरण में लागू |
विस्तार योजना | पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद सभी केन्द्रों पर |
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 365 सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों को सौंपा नियुक्ति पत्र
2025 से लागू होगी योजना
सीबीएसई ने इस फ्रेमवर्क को 2025 की परीक्षाओं से लागू करने की योजना बनाई है। इसके तहत सभी स्कूलों को समय पर तैयारियां करने के निर्देश दिए जाएंगे। इसके अलावा, इस योजना को सही तरीके से लागू करने के लिए एक समिति का गठन भी किया जाएगा, जो सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करेगी।
निष्कर्ष
सीबीएसई का यह नया फ्रेमवर्क इंटरनल असेसमेंट में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल छात्रों के प्रदर्शन का सही मूल्यांकन होगा, बल्कि स्कूलों में भी अनुशासन और गुणवत्ता में सुधार आएगा।