रांची में अधिवक्ता परिषद का प्रांतीय सम्मेलन, विधि और समाज सेवा में समर्पण का प्रतीक

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रांची: सोमवार को रांची विश्वविद्यालय परिसर स्थित आर्यभट्ट सभागार में अधिवक्ता परिषद का प्रांतीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस भव्य आयोजन में झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति दीपक रोशन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने अपने उद्गार में अधिवक्ताओं की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि विधि की गहरी जानकारी रखने वाले अधिवक्ताओं का कर्तव्य है कि वे आम नागरिकों की सुरक्षा और न्याय दिलाने में अग्रणी रहें। उन्होंने अधिवक्ता परिषद द्वारा सामाजिक कार्यों में किए गए योगदान की भी सराहना की।

महत्वपूर्ण अतिथियों की उपस्थिति

इस कार्यक्रम में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मानन कुमार मिश्र भी उपस्थित थे। उनके साथ उत्तरी क्षेत्र के संगठन मंत्री हरि बोरीकर, अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय सचिव और मध्य प्रदेश के अपर महाधिवक्ता दीपेंद्र नाथ कुशवाह, क्षेत्रीय संयोजक सुनील कुमार और झारखंड प्रदेश के अध्यक्ष राजेंद्र मिश्र समेत 500 से अधिक अधिवक्ता मौजूद रहे। इस अवसर पर बार काउंसिल के अध्यक्ष मानन मिश्र ने कहा कि अधिवक्ता परिषद के सदस्य हमेशा समाज के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाते आए हैं, और विधि से जुड़े मामलों में उनका योगदान अमूल्य है।

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विधि और समाज के बीच समन्वय का प्रयास

सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य अधिवक्ताओं को समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराना था। मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति दीपक रोशन ने अधिवक्ताओं से अपील की कि वे सिर्फ विधिक मामलों तक सीमित न रहें, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि समाज में जागरूकता फैलाने और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति शिक्षित करने में अधिवक्ता परिषद की बड़ी भूमिका है।

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सम्मेलन के मुख्य पहलूविवरण
मुख्य अतिथिझारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति दीपक रोशन
प्रमुख वक्ताबार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मानन कुमार मिश्र
उपस्थित अधिवक्ता500 से अधिक
प्रमुख विषयसमाज के लिए अधिवक्ताओं की जिम्मेदारियां

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अधिवक्ता परिषद का स्थापना दिवस और भावी योजनाएँ

सम्मेलन के दौरान अधिवक्ता परिषद ने अपने स्थापना दिवस का जश्न भी मनाया और भविष्य की कार्य योजनाओं पर विचार-विमर्श किया। अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय सचिव दीपेंद्र नाथ कुशवाह ने अधिवक्ताओं को उनके कर्तव्यों की याद दिलाते हुए कहा कि परिषद समाज के न्यायिक और विधिक सुधार में सक्रिय भूमिका निभाती है। उन्होंने बताया कि परिषद अपने सदस्यों के साथ समाज में विधिक जागरूकता फैलाने के लिए कई नई योजनाओं पर काम कर रही है।

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वक्ताओं के विचार और समाज में अधिवक्ता की भूमिका

सम्मेलन में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। क्षेत्रीय संयोजक सुनील कुमार ने अधिवक्ताओं की जिम्मेदारियों को रेखांकित करते हुए कहा कि समाज के कमजोर वर्गों की सहायता करने में अधिवक्ताओं की भूमिका अति महत्वपूर्ण होती है। वहीं झारखंड प्रदेश के कोषाध्यक्ष पवन कुमार पाठक ने इस बात पर जोर दिया कि विधिक जानकारी को आम जन तक पहुंचाना ही अधिवक्ताओं का प्रमुख कर्तव्य है।

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आगे की दिशा: विधिक और सामाजिक उत्थान का समर्पण

सम्मेलन के समापन पर यह निष्कर्ष निकला कि अधिवक्ता परिषद न केवल विधिक सहायता प्रदान करने वाली संस्था है, बल्कि समाज में एक बड़े परिवर्तन की वाहक भी है। परिषद के सदस्य अपने अनुभव और ज्ञान से समाज को नई दिशा दिखाने का काम कर रहे हैं। भविष्य में भी यह संगठन अपने उद्देश्य के प्रति पूर्ण निष्ठा से काम करेगा और समाज के हर वर्ग के लिए न्याय की लड़ाई लड़ेगा।

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