रामगढ़ के भुरकुंडा कोयलांचल सहित आसपास के सभी पूजा पंडालों में प्रतिमाओं के पट गुरुवार को खुल गए हैं। मां दुर्गा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। चारों ओर भक्तिगीतों और वैदिक मंत्रोच्चार की गूंज सुनाई दे रही है, जिससे पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया है। बाजारों में रौनक बढ़ गई है और सड़कों पर चहल-पहल दिखाई दे रही है।
भुरकुंडा में केदारनाथ मंदिर के प्रारूप पर बना पंडाल
भुरकुंडा के रिक्रिएशन क्लब द्वारा इस वर्ष केदारनाथ मंदिर के प्रारूप पर एक भव्य और आकर्षक पूजा पंडाल का निर्माण किया गया है। गुरुवार को इस पंडाल का उद्घाटन सीसीएल बरका-सयाल के महाप्रबंधक अजय कुमार ने फीता काटकर किया। उन्होंने माता के दरबार में मत्था टेककर क्षेत्र की सुख-समृद्धि और शांति की मंगलकामना की।
इस अवसर पर भुरकुंडा परियोजना पदाधिकारी मनोज कुमार पाठक, सौंदा डी परियोजना पदाधिकारी रामेश्वर मुण्डा, उरीमारी परियोजना पदाधिकारी दिलीप कुमार, सयाल परियोजना पदाधिकारी सुबोध कुमार, विंध्याचल बेदिया, एरिया सिक्योरिटी इंचार्ज एन के सिंह, और कई अन्य अधिकारी और पूजा समिति के सदस्य उपस्थित थे।
सौंदा डी में राधा-कृष्ण मंदिर के प्रारूप पर आकर्षक पंडाल का उद्घाटन
सौंदा डी के वर्कर्स क्लब द्वारा निर्मित भव्य दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन भी गुरुवार को किया गया। सीसीएल बरका-सयाल महाप्रबंधक अजय कुमार ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच फीता काटकर उद्घाटन किया और मां दुर्गा के दर्शन कर क्षेत्र की शांति और समृद्धि की प्रार्थना की। इस पंडाल का निर्माण मथुरा के प्रसिद्ध राधा-कृष्ण मंदिर के प्रारूप पर किया गया है, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
विशेष अतिथियों की उपस्थिति
इस शुभ अवसर पर भुरकुंडा परियोजना के प्रमुख अधिकारी, उरीमारी परियोजना पदाधिकारी, सौंदा डी परियोजना पदाधिकारी, एरिया सिक्योरिटी इंचार्ज सहित अन्य प्रमुख व्यक्तित्व उपस्थित थे। पूजा समिति के सदस्यों और क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों ने भी इस धार्मिक आयोजन में हिस्सा लिया।
पूजा पंडालों की सुरक्षा और व्यवस्था
पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। साथ ही यातायात और भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद है, जिससे श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के मां दुर्गा के दर्शन कर सकें।
दुर्गा पूजा के इस भव्य आयोजन ने भुरकुंडा और आसपास के इलाकों में धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण को और भी जीवंत बना दिया है।