रामगढ़ जिले के भुरकुंडा क्षेत्र में बुधवार को अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण में वर्गीकरण के विरोध में बुलाए गए भारत बंद का व्यापक असर देखा गया। उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रस्तावित इस आरक्षण में वर्गीकरण के मुद्दे पर स्थानीय राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इस बंद ने भुरकुंडा के सामान्य जनजीवन को प्रभावित किया, जिसमें बाजारों और यातायात व्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ा।
मतकमा चौक पर विरोध प्रदर्शन और सड़क जाम
भुरकुंडा के प्रमुख स्थल, मतकमा चौक पर बड़ी संख्या में बंद समर्थक एकत्रित हुए और नारेबाजी करते हुए रामगढ़-पतरातू फोरलेन सड़क को जाम कर दिया। इस जाम के कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया। इस बीच, भुरकुंडा बाजार में अधिकतर दुकानें स्वतः ही बंद हो गईं। बंद समर्थकों ने मोटरसाइकिल जुलूस निकालकर मुख्य मार्गों पर छिटपुट रूप से खुली दुकानों को भी बंद कराते हुए देखा गया। इस विरोध प्रदर्शन ने व्यापारिक गतिविधियों को पूरी तरह से रोक दिया और जनता को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा।
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सौंदा ‘डी’ बाजार में अवरुद्ध यातायात
सौंदा ‘डी’ बाजार में बंद समर्थकों ने बांस और बल्ली का उपयोग कर भुरकुंडा-सौंदा बस्ती मार्ग को अवरुद्ध कर दिया। इस अवरोध के चलते इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया। प्रदर्शनकारियों ने वर्गीकरण प्रस्ताव के विरोध में जोरदार नारेबाजी की, जिससे वहां का माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस घटना ने स्थानीय जनता के बीच असंतोष की भावना को और भी बढ़ा दिया, जिससे बंद का प्रभाव और भी गंभीर हो गया।
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सीसीएल में उत्पादन सामान्य, कोयले का संप्रेषण ठप
सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) में उत्पादन कार्य बंद के दौरान सामान्य रूप से जारी रहा। हालांकि, कोयले का संप्रेषण पूरी तरह से ठप रहा, जिससे क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। यह स्थिति दर्शाती है कि बंद का असर केवल सड़कों और बाजारों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि उद्योग और व्यापारिक गतिविधियों पर भी इसका प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ा।
पुलिस-प्रशासन की मुस्तैदी और स्थिति नियंत्रण में
बंद के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर रहे। भदानीनगर ओपी प्रभारी संजय कुमार रजक और भुरकुंडा ओपी के एसआई अविनाश कुमार अपने दल-बल के साथ मतकमा चौक पर तैनात रहे, जिससे स्थिति पर नियंत्रण बना रहा। पुलिस की इस मुस्तैदी ने बंद को शांतिपूर्ण बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और किसी भी अप्रिय घटना को टालने में सफलता पाई। खबर लिखे जाने तक बंद समर्थक स्थल पर डटे हुए थे, जिससे साफ था कि विरोध अभी थमा नहीं था और इसका असर बना हुआ था।
निष्कर्ष
रामगढ़ जिले के भुरकुंडा क्षेत्र में अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण में वर्गीकरण के विरोध में बुलाए गए भारत बंद ने व्यापक प्रभाव डाला। जहां एक ओर सड़कों पर प्रदर्शन और बाजारों की बंदी ने आम जनजीवन को प्रभावित किया, वहीं दूसरी ओर, पुलिस और प्रशासन की मुस्तैदी ने स्थिति को नियंत्रण में रखा। यह बंद न केवल स्थानीय जनता के असंतोष को प्रकट करता है, बल्कि इस तरह के मुद्दों पर समाज में बढ़ते तनाव को भी उजागर करता है।