रामगढ़ जिले के भुरकुंडा में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने राज्य सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए 11 सितंबर को झारखंड बंद का आह्वान किया है। बंद की पूर्व संध्या पर मोर्चा के बैनर तले एक मशाल जुलूस निकाला गया, जिसमें पतरातु प्रखंड क्षेत्र से आए झारखंड आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान आंदोलनकारियों ने झारखंड सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जुलूस का आयोजन और आम सभा
मशाल जुलूस की शुरुआत भुरकुंडा थाना चौक से हुई, जो मेन रोड से होते हुए बिरसा चौक और फिर मतकमा चौक तक पहुंची। अंत में जुलूस ने एक आम सभा का रूप ले लिया। इस आम सभा में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के केंद्रीय उपाध्यक्ष दर्शन गंझू ने सभा को संबोधित किया।
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
केंद्रीय उपाध्यक्ष दर्शन गंझू ने अपने संबोधन में कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अपने घोषणा पत्र में सभी आंदोलनकारियों को चिन्हित कर उन्हें राज्य में विशेष पहचान, प्रशस्ति पत्र, उचित मान-सम्मान, पेंशन, चिकित्सा सुविधा, और आंदोलनकारियों के आश्रितों के बच्चों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन हेमंत सोरेन सरकार ने अपने लगभग पांच वर्षों के कार्यकाल में इन वादों को पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि सरकार का घोषणा पत्र केवल एक छलावा है और उन्होंने झारखंड बंद के समर्थन में लोगों से जुड़ने का आह्वान किया।
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आंदोलन में शामिल प्रमुख नेता और सदस्य
इस मौके पर केंद्रीय उपाध्यक्ष दर्शन गंझू के अलावा केंद्रीय सदस्य संजय मिश्रा, अब्दुल कयूम, लखेंद्र राय, सीता राम मुंडा, उदय मालाकार, रोबिन मुखर्जी, गुलाब प्रसाद साहू, योगेंद्र यादव, गोगो बेदिया, उगन महतो, शिव शंकर भुइयां, रामधन गंझू, नरेश गंझू, फुलेशवर उरांव, सन्तू मुंडा, रमेश गंझू, संतोष उरांव, शंकर जयसवाल सहित दर्जनों आंदोलनकारी भी उपस्थित रहे।
बंद की अपील और राज्यव्यापी समर्थन
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने 11 सितंबर को झारखंड बंद का आह्वान किया है और लोगों से इस बंद में सहयोग देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों की मांगें जब तक पूरी नहीं होतीं, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। आंदोलनकारियों ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो आगे और भी बड़े आंदोलन किए जाएंगे।
इस बंद का मकसद सरकार पर दबाव डालना है ताकि वह अपने वादों को पूरा करे और आंदोलनकारियों को उनका हक दिलाए।