उरीमारी कांटा घर के समीप शुक्रवार को विस्थापित संघर्ष मोर्चा उरीमारी/पोटंगा द्वारा धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती और झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस पावन अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा की तस्वीर पर फूल-मालाएं अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
भगवान बिरसा मुंडा आदिवासी समाज के प्रेरणास्रोत- महादेव बेसरा
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोर्चा के सचिव महादेव बेसरा ने कहा कि बिरसा मुंडा, जिन्हें सम्मानपूर्वक ‘धरती आबा’ कहा जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण नायक रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा ने आदिवासी समाज के अधिकारों और पहचान की रक्षा के लिए संघर्ष करते हुए अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया। उनका योगदान न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है।
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झारखंड स्थापना दिवस के साथ बिरसा मुंडा का सम्मान
कार्यक्रम के दौरान झारखंड स्थापना दिवस का भी उत्सव मनाया गया। झारखंड राज्य के गठन में बिरसा मुंडा के विचारों और संघर्ष को विशेष महत्व दिया गया। इस मौके पर बिरसा मुंडा के आदर्शों को अपनाने और उनके बताए गए मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी गई।
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कार्यक्रम में स्थानीय लोगों की भागीदारी
इस आयोजन में विस्थापित संघर्ष मोर्चा के सदस्यों के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। मुख्य रूप से महादेव बेसरा, कानू मरांडी, दशाराम हेंब्रोम, सिगू हेंब्रोम, राजेंद्र किस्कू, राकेश बेसरा, वासुदेव सोरेन, बिरजू सोरेन, महेश करमाली जैसे कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। इसके अलावा, मोनिका देवी, सुशीला देवी, गोविंद प्रजापति, और राजकुमार साव जैसे स्थानीय नागरिकों ने भी अपनी भागीदारी दर्ज कराई।
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समाज में जागरूकता का संदेश
कार्यक्रम में वक्ताओं ने बिरसा मुंडा की शिक्षाओं और उनके संघर्ष को आदिवासी समाज की अस्मिता और स्वाभिमान के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया। झारखंड स्थापना दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि यह दिन राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आदिवासी समुदाय के योगदान का सम्मान करने का अवसर है।