रामगढ़, कंडेर पंचायत: सिधवार में स्थित रेल अंडरपास में जलजमाव की समस्या ने ग्रामीणों के आवागमन को बुरी तरह प्रभावित किया है। यह समस्या बरसात के मौसम में और भी गंभीर हो जाती है, जिससे स्कूली बच्चों, महिलाओं, और दुपहिया वाहन चालकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए सिधवार के ग्रामीणों ने रविवार को एक बैठक आयोजित की और स्टेशन अधीक्षक सिधवार को हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपा।
जलजमाव की समस्या और इसके प्रभाव
2008 में निर्मित इस रेल अंडरपास की डिजाइन में एक बड़ी खामी है। बरसात के मौसम में बारिश का सारा पानी अंडरपास में जमा हो जाता है, जिससे पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। ग्रामीण मजबूरन इस जलजमाव से होकर गुजरने के लिए विवश हैं। स्कूली बच्चों और महिलाओं के लिए यह समस्या और भी कठिन है। दुपहिया वाहन चालक भी इस गंदे पानी में असंतुलित होकर गिर जाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।
पुराने रास्ते से दूरी और ओवरब्रिज की मांग
ग्रामीणों ने बताया कि यह रेल अंडरपास गांव के पुराने रास्ते से काफी दूरी पर बनाया गया है, जिससे गांव के लोगों को अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। अंडरपास के निर्माण के दौरान ही ग्रामीणों ने इसका विरोध किया था, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया। अब, पिछले एक दशक से अधिक समय से, ग्रामीण ओवरब्रिज की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
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रामगढ़-पतरातू फोरलेन परियोजना और संभावित समाधान
ग्रामीणों ने बताया कि लगभग चार करोड़ रुपये की लागत से रामगढ़-पतरातू फोरलेन से सिधवार तक कालीकरण सड़क का निर्माण शुरू हो गया है। यदि रेलवे यहां एक फुट ओवरब्रिज का निर्माण करती है, तो इस क्षेत्र की हजारों की आबादी को आवागमन में काफी सहूलियत हो सकती है। ओवरब्रिज बनने से ग्रामीणों को जलजमाव की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा और उनके जीवन में बड़ा बदलाव आएगा।
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ग्रामीणों की आवाज और ज्ञापन
रविवार को आयोजित बैठक में उमेश मुंडा, मंटू बेदिया, सुरेंद्र महतो, रमेश बेदिया, रोहित महतो, अजय महतो, लालदेव बेदिया, नरेश बेदिया, रेवा लाल, मनोज, विनोद बेदिया, सुरेश बेदिया, राजेंद्र बेदिया, राजकुमार महतो, संजय यादव, प्रदीप सिंह, कंचन महतो, अमर बेदिया, शमशेर सिंह, अनिल महतो सहित कई अन्य ग्रामीणों ने हिस्सा लिया और स्टेशन अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों की इस मांग पर रेलवे द्वारा क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना बाकी है।