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सीसीएल भुरकुंडा: 38वीं माइंस रेस्क्यू प्रतियोगिता में दिखा अद्वितीय बचाव कौशल, विजेताओं की होगी जल्द घोषणा

Unique rescue skills shown in CCL Bhurkunda 38th Mines Rescue Competition
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रामगढ़: भुरकुंडा परियोजना के बांसगढ़ा माइंस में गुरुवार को 38वीं सीसीएल जोनल माइंस रेस्क्यू प्रतियोगिता 2024 का आयोजन हुआ। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) के विभिन्न प्रक्षेत्रों से रेस्क्यू टीमों ने भाग लिया और अपने कौशल का प्रदर्शन किया। आयोजन का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में खनन सुरक्षा और बचाव कार्यों की दक्षता को और सुदृढ़ करना था।

भाग लेने वाली रेस्क्यू टीमें और उनका प्रदर्शन

इस प्रतियोगिता में सीसीएल के 12 प्रमुख प्रक्षेत्रों की टीमें शामिल हुईं, जिनमें बरका-सयाल, कुज्जू, कथारा, अरगड्डा, बीएनके, पिपरवार, हजारीबाग, ढोरी, चूरी, एनके, मगध और आम्रपाली प्रक्षेत्र की टीमें प्रमुख थीं। हर टीम ने माइंस में आपातकालीन स्थितियों में बचाव कार्य के लिए जरूरी रेस्क्यू तकनीकों का बारीकी से प्रदर्शन किया।

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इन टीमों ने विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए यह दिखाया कि कैसे न्यूनतम समय में अधिकतम सुरक्षा के साथ बचाव कार्यों को अंजाम दिया जा सकता है। इन अभियानों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि दुर्घटना की स्थिति में मजदूरों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सके।

निर्णायक मंडल और मुख्य अतिथियों की भूमिका

इस कार्यक्रम में रांची क्षेत्र के डायरेक्टर ऑफ माइंस सेफ्टी, आफताब अहमद मुख्य अतिथि थे, जिन्होंने इस प्रतियोगिता के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही निर्णायकों के रूप में डेप्युटी डायरेक्टर (माइंस सेफ्टी) तेजावत नरेश, एजाज मोहम्मद, आर. सुधीर, और सीसीएल मुख्यालय, रांची के आईएसओ राकेश रंजन उपस्थित रहे।

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इन विशेषज्ञों ने प्रतियोगिता के दौरान विभिन्न टीमों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया और यह देखा कि वे आपात स्थितियों में कितनी तेजी और कुशलता से रेस्क्यू कार्य कर सकते हैं।

प्रतियोगिता की प्रक्रिया और चुनौतीपूर्ण अभियान

रेस्क्यू प्रतियोगिता के तहत प्रत्येक टीम में 6 सदस्य शामिल थे, जिन्हें कई महत्वपूर्ण उपकरणों जैसे कि सेल्फ कंटेंड ब्रिथिंग ऑपरेटर्स, स्ट्रेचर, फर्स्ट-एड बॉक्स, लाइट्स और रोप्स के साथ माइंस में भेजा गया। टीमों ने माइंस में प्रवेश कर 150 मीटर की दूरी पर प्रतीकात्मक रेस्क्यू अभियान चलाया। इस अभियान के तहत उन्हें एक 70 किलोग्राम वजनी मानव प्रारूप को सुरक्षित बाहर निकालना था।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य था, कम समय में माइंस सुरक्षा के सभी नियमों का पालन करते हुए सुरक्षित रूप से बचाव कार्य को अंजाम देना। इन सभी कार्यों के बाद टीमों ने अधिकारियों के समक्ष रिपोर्टिंग भी की, जिसमें उन्होंने अपने अनुभव और चुनौतियों पर चर्चा की।

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प्रदर्शन के आधार पर विजेता की घोषणा

टीमों के प्रदर्शन के आधार पर शुक्रवार को सीसीएल मुख्यालय में विजेता टीमों की घोषणा की जाएगी। यह प्रतियोगिता केवल पुरस्कार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इससे माइंस सुरक्षा अभियानों में शामिल कर्मियों की क्षमता को और निखारने का मौका मिलता है। प्रतियोगिता में जिन टीमों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है, उन्हें पुरस्कार और सम्मानित किया जाएगा।

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आयोजन में उपस्थित अधिकारी और उनके योगदान

इस प्रतियोगिता में सीसीएल के कई वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे, जिनमें मनोज कुमार पाठक (परियोजना पदाधिकारी), रवि रंजन (खान मैनेजर), डॉ. नदीम, रिशु कुमार, नीरज मोहंतो, महावीर कुमार, और शशि रंजन कुमार प्रमुख थे। इन अधिकारियों ने आयोजन के सुचारू संचालन में अहम भूमिका निभाई।

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रेस्क्यू टीमों ने भी अपनी ओर से आयोजन को सफल बनाने में पूरी मेहनत और तत्परता से भाग लिया।

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