रामगढ़: चार लेबर कोड कानून के खिलाफ संयुक्त मोर्चा का विरोध प्रदर्शन

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रामगढ़ जिले में सीसीएल बरका सयाल महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष सोमवार को श्रमिक संगठनों द्वारा चार लेबर कोड कानूनों के खिलाफ एक जोरदार विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस प्रदर्शन का आयोजन संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में किया गया, जिसकी अध्यक्षता विंध्याचल बेदिया और संचालन बासुदेव साव ने किया। कार्यक्रम में क्षेत्र के कई श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और केंद्र सरकार के नए श्रम कानूनों के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई।

श्रम कानूनों पर वक्ताओं की नाराजगी

वक्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित चार लेबर कोड कानूनों की निंदा की। उनका मानना है कि ये कानून मजदूरों के हितों के खिलाफ हैं और उन्हें पूंजीपतियों के हाथों गुलाम बनाने का प्रयास है। वक्ताओं ने कहा कि अगर सरकार इन कानूनों को लागू करने की कोशिश करती है, तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा और इसके नतीजों की जवाबदेही सरकार पर होगी।

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विरोध प्रदर्शन के मुख्य वक्ता

इस विरोध प्रदर्शन में विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रमुख नेताओं और सदस्यों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख लोगों में अशोक गुप्ता, आरपी सिंह चंदेल, राम नरेश सिंह, संजय वर्मा, नरेश मंडल, संजय यादव, पप्पू सिंह, हरिशंकर पांडेय, विनोद साव और मनोज कुमार राम प्रमुख रूप से शामिल थे।

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विरोध के प्रमुख मुद्दे

वक्ताओं ने कहा कि चार लेबर कोड कानून मजदूरों के अधिकारों और उनके जीवन यापन पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगे। ये कानून श्रमिकों को न्यूनतम वेतन, सुरक्षा, और सामाजिक सुरक्षा जैसे मौलिक अधिकारों से वंचित करेंगे। सरकार मजदूरों के अधिकारों को कमजोर करने के उद्देश्य से इस अधिनियम को लागू करना चाह रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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श्रमिक संगठनों की एकजुटता

प्रदर्शन में विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने यह साबित कर दिया कि मजदूर वर्ग इस मुद्दे पर एकजुट है। सभी संगठनों ने एक स्वर में कहा कि अगर सरकार ने इन कानूनों को लागू करने का प्रयास किया, तो सभी श्रमिक संगठन मिलकर इसका विरोध करेंगे। वक्ताओं ने यह भी कहा कि मजदूर वर्ग अपनी हक की लड़ाई में किसी भी प्रकार की कुर्बानी देने के लिए तैयार है।

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विरोध में भाग लेने वाले अन्य प्रमुख लोग

इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में श्रमिक नेताओं और सदस्यों ने हिस्सा लिया। कुछ प्रमुख नामों में महावीर प्रसाद, दशरथ सिंह, सुनील सिंह, शाहनवाज खान, वासुदेव उरांव, छोटू सिंह, वरुण कुमार, विकास कुमार, विनोद कुमार, निरंजन पटेल, लव कुमार सिंह, और अन्य शामिल थे। इन सभी ने एकजुट होकर सरकार को चेतावनी दी कि यदि मजदूर विरोधी कानून लागू किए गए, तो देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।

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