UP Board: पर्यावरण अध्ययन और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में बड़े बदलाव, नई शिक्षा नीति के अंतर्गत नई दिशा

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UP Board में नए शिक्षा सत्र के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं। अब तक, यूपी बोर्ड के छात्रों को पर्यावरण अध्ययन का अलग से कोई विषय नहीं पढ़ाया जाता था; इसे भूगोल में शामिल किया गया था। लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत, अब हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्रों के लिए पर्यावरण अध्ययन का एक स्वतंत्र पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। यह विषय छात्रों को उनके कक्षा 10 और 12 के पाठ्यक्रम में शामिल रहेगा।

हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में नए विषयों का समावेश

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत, अब हाईस्कूल के छात्रों को 10 और इंटरमीडिएट के छात्रों को सात विषय पढ़ाए जाने की तैयारी है। इनमें से छह विषय अनिवार्य होंगे, जबकि सातवां विषय वैकल्पिक होगा। इस नई व्यवस्था के तहत, मानविकी, विज्ञान, और वाणिज्य जैसे पारंपरिक वर्ग समाप्त हो जाएंगे। इसके स्थान पर, छात्र किसी भी विषय को चुन सकते हैं, जैसे गणित के साथ इतिहास, भौतिकी के साथ अर्थशास्त्र, या जीवविज्ञान के साथ वाणिज्य। यह कदम छात्रों को अधिक स्वतंत्रता और विकल्प प्रदान करेगा, जिससे वे अपने भविष्य की दिशा निर्धारित कर सकेंगे।

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कार्यशाला में विशेषज्ञों की राय

इस बदलाव को लागू करने के लिए, यूपी बोर्ड के अधिकारियों ने सीमैट में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि, सीबीएसई बोर्ड के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली ने राज्य को सुझाव दिया कि वे अपने संसाधनों के अनुसार इन परिवर्तनों को लागू करें और सुनिश्चित करें कि नया पाठ्यक्रम रोजगार के अवसर भी प्रदान करे। इसके अलावा, सीबीएसई के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पवनेश कुमार ने मूल्यांकन प्रक्रिया में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि अब प्रश्नपत्रों में आधे प्रश्न दक्षता आधारित बहुविकल्पीय, समस्यात्मक और स्रोत आधारित होंगे, जबकि 30 प्रतिशत प्रश्न लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय होंगे।

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व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में सुधार की जरूरत

UP Board अब हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के व्यावसायिक विषयों के पाठ्यक्रम में भी बदलाव करने की योजना बना रहा है। पाठ्यपुस्तक प्रभारी व अपर सचिव एसके सिंह ने बताया कि फोटोग्राफी, टाइपिंग, सोलर सिस्टम, रेडियो एवं टेलीविजन, हेल्थ केयर, आपदा प्रबंधन, बैंकिंग, और आईटी जैसे विषयों के पाठ्यक्रम को अपडेट किया जाएगा। यह बदलाव आधुनिक तकनीकों और उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार किया जा रहा है, जिससे छात्रों को बेहतर व्यावसायिक ज्ञान मिल सके।

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पर्यावरण अध्ययन का महत्व

पर्यावरण अध्ययन का स्वतंत्र विषय के रूप में समावेश, छात्रों को पर्यावरण की महत्वपूर्ण समस्याओं और उनके समाधानों के प्रति जागरूक करेगा। इस विषय के माध्यम से, छात्र पर्यावरण संरक्षण, संसाधन प्रबंधन, और सतत विकास के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे, जो कि आज के समय में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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निष्कर्ष

नई शिक्षा नीति के तहत यूपी बोर्ड द्वारा किए जा रहे ये बदलाव छात्रों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसरों का द्वार खोलेंगे। इससे न केवल उनकी अकादमिक ज्ञान में वृद्धि होगी, बल्कि उन्हें व्यावहारिक और व्यावसायिक कौशल भी प्राप्त होंगे, जो उन्हें भविष्य में सफल होने में मदद करेंगे।

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