Headlines

Mortgage: मॉर्गेज क्या है? इसके प्रमुख घटक, प्रकार, फायदे और जोखिम विस्तार से समझें

What is mortgage
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Mortgage: यह एक प्रकार का ऋण (लोन) है जो व्यक्ति या व्यवसाय अपनी संपत्ति, जैसे कि घर या भूमि, को गिरवी रखकर लेता है। यह आमतौर पर संपत्ति खरीदने के लिए लिया जाता है, जिसमें उधारकर्ता (बॉरोअर) उधारदाता (लेंडर) से एक बड़ी राशि उधार लेता है और इसके बदले में संपत्ति को गिरवी रखता है। मॉर्गेज के तहत, यदि उधारकर्ता ऋण का भुगतान समय पर नहीं कर पाता है, तो उधारदाता उस संपत्ति को बेचकर अपनी राशि वसूल सकता है।

Mortgage के प्रमुख घटक

  1. प्रिंसिपल (Principal): यह वह मूल राशि है जो उधार ली जाती है। यह उस राशि का आधार होता है जिस पर ब्याज लगाया जाता है।
  2. ब्याज (Interest): यह वह राशि होती है जो प्रिंसिपल पर लगाई जाती है और उधारकर्ता को उधारदाता को चुकानी होती है। ब्याज दर (इंटरेस्ट रेट) निश्चित (फिक्स्ड) या परिवर्तनीय (वेरिएबल) हो सकती है।
  3. अवधि (Term): यह वह अवधि है जिसमें मॉर्गेज को चुकाना होता है। यह आमतौर पर 15 से 30 वर्षों के बीच होती है।
  4. गिरवी रखी संपत्ति (Collateral): मॉर्गेज के तहत, उधार ली गई राशि के बदले में संपत्ति को गिरवी रखा जाता है। यह संपत्ति उधारदाता के लिए सुरक्षा के रूप में कार्य करती है।
  5. मासिक किस्त (Monthly Installment): उधारकर्ता को मासिक किस्तों में मॉर्गेज राशि चुकानी होती है, जिसमें प्रिंसिपल और ब्याज दोनों शामिल होते हैं।

Insurance: बीमा क्या है? कितने प्रकार का होता है और सबके लिए क्यों है जरुरी विस्तार से जानें

मॉर्गेज कैसे काम करता है?

मॉर्गेज के तहत, उधारकर्ता संपत्ति खरीदने के लिए बैंक या किसी अन्य वित्तीय संस्था से ऋण लेता है। इस ऋण को चुकाने के लिए उधारकर्ता को मासिक किस्तों में भुगतान करना होता है। यह किस्तें प्रिंसिपल और ब्याज का मिश्रण होती हैं। अगर उधारकर्ता किस्तें समय पर नहीं चुका पाता है, तो उधारदाता संपत्ति को जब्त (फोरक्लोज) कर सकता है और उसे बेचकर अपनी राशि वसूल कर सकता है।

भारत भारती विद्यालय में शिक्षक दिवस का भव्य आयोजन, सम्मान और प्रेरणा का अनूठा संगम

Mortgage के प्रकार

  1. फिक्स्ड रेट मॉर्गेज (Fixed Rate Mortgage): इसमें ब्याज दर पूरी अवधि के लिए एक समान रहती है। इसका लाभ यह है कि उधारकर्ता को हर महीने समान किस्त चुकानी होती है।
  2. एडजस्टेबल रेट मॉर्गेज (ARM – Adjustable Rate Mortgage): इसमें ब्याज दर समय-समय पर बदल सकती है। शुरुआत में दर कम हो सकती है, लेकिन भविष्य में बढ़ सकती है।
  3. बैलून मॉर्गेज (Balloon Mortgage): इसमें शुरुआती कुछ वर्षों तक कम मासिक किस्तें होती हैं, लेकिन अवधि के अंत में एक बड़ी राशि चुकानी पड़ती है।
  4. रिवर्स मॉर्गेज (Reverse Mortgage): यह मुख्यतः वरिष्ठ नागरिकों के लिए होता है, जिनके पास घर है। इसमें वे अपने घर के मूल्य के बदले ऋण प्राप्त कर सकते हैं, जिसे उनकी मृत्यु या घर बेचने पर वापस चुकाना होता है।

Jharkhand Adventure Festival 2024: पतरातु लेक रिसॉर्ट में रोमांच और स्वाद का अनूठा संगम

मॉर्गेज लेने के फायदे

  1. संपत्ति खरीदने में सहायता: मॉर्गेज के जरिए व्यक्ति अपनी क्षमता से अधिक मूल्य की संपत्ति खरीद सकता है।
  2. टैक्स में छूट: मॉर्गेज पर चुकाए गए ब्याज पर टैक्स में छूट मिल सकती है, जो करदाता के लिए फायदेमंद होता है।
  3. संपत्ति का अधिग्रहण: मॉर्गेज के जरिए व्यक्ति घर का मालिक बन सकता है और उसमें निवास कर सकता है, जबकि वह किस्तें चुका रहा होता है।

Free Fire OB46 Update Date: जानिए नए किरदार, हथियार और खास फीचर्स के साथ खेल का नया अनुभव

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Mortgage लेने के जोखिम

  1. ऋण की अदायगी में विफलता: यदि उधारकर्ता समय पर मॉर्गेज नहीं चुका पाता है, तो उसकी संपत्ति जब्त हो सकती है।
  2. ब्याज दरों का बढ़ना: एडजस्टेबल रेट मॉर्गेज में ब्याज दर बढ़ सकती है, जिससे मासिक किस्तें महंगी हो जाती हैं।
  3. लंबी अवधि का ऋण: मॉर्गेज एक लंबी अवधि का ऋण होता है, जो वित्तीय बोझ बन सकता है।

निष्कर्ष

मॉर्गेज वित्तीय स्वतंत्रता की ओर एक बड़ा कदम हो सकता है, लेकिन इसे समझदारी से लेना आवश्यक है। उधारकर्ता को अपनी वित्तीय स्थिति, ब्याज दरों, और बाजार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मॉर्गेज लेने का निर्णय करना चाहिए। मॉर्गेज की शर्तों और जोखिमों को अच्छी तरह से समझना जरूरी है ताकि भविष्य में कोई वित्तीय संकट न आए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *