रामगढ़ में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रस्तावित अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण में वर्गीकरण के विरोध में बुलाए गए भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला। बुधवार सुबह से ही विभिन्न राजनैतिक और सामाजिक संगठनों के समर्थक सड़कों पर उतर आए और आवागमन पूरी तरह से ठप कर दिया। बंद के कारण रांची-पटना नेशनल हाईवे-33 सहित जिले के सभी मुख्य मार्गों पर यातायात बाधित रहा।
मुख्य चौराहों पर विरोध प्रदर्शन
शहर के पटेल चौक, कोठार चौक और अन्य प्रमुख स्थानों पर बंद समर्थकों ने बैरिकेडिंग कर आवागमन रोक दिया। कई जगहों पर बांस-बल्ली और जलते हुए टायरों से सड़कें अवरुद्ध कर दी गईं। इस दौरान विभिन्न इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने पूरी ताकत के साथ विरोध जताया, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ।
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व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर असर
भारत बंद के आह्वान पर रामगढ़ जिले के अधिकांश व्यापारिक प्रतिष्ठान स्वतः बंद रहे। बंद समर्थक विभिन्न क्षेत्रों में घूम-घूमकर खुली दुकानों को बंद कराते देखे गए। हालांकि, इस दौरान कई स्थानों पर दुकानदारों और वाहन चालकों के साथ हल्की-फुल्की नोकझोंक भी हुई, लेकिन किसी बड़ी घटना की सूचना नहीं मिली।
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पुलिस प्रशासन की सतर्कता
बंद को देखते हुए जिले की पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट रही। प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया था और पुलिस अधिकारी लगातार गश्त कर स्थिति पर नजर बनाए हुए थे। पुलिस की तत्परता से बंद के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सका।
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दोपहर बाद जनजीवन सामान्य
दोपहर दो बजे के बाद रामगढ़ शहर और आसपास के इलाकों में दुकानें धीरे-धीरे खुलनी शुरू हो गईं। इसके साथ ही सड़कों पर आंशिक रूप से वाहनों का आवागमन भी शुरू हो गया। हालांकि, बंद के कारण आम लोगों को दिन भर परेशानियों का सामना करना पड़ा, खासकर वाहनों का परिचालन ठप रहने से राहगीरों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
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बंद का मिला-जुला असर
रामगढ़ में भारत बंद का असर कुछ घंटों तक ही रहा, लेकिन इसका व्यापक प्रभाव दिखा। जनजीवन पर पड़े प्रभाव के बावजूद, पुलिस प्रशासन की सतर्कता और समर्थन के कारण कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं घटी।