रांची: कांके प्रखंड के राड़हा पंचायत में मंगलवार रात जंगली हाथियों के झुंड ने भारी उत्पात मचाया, जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ है। जंगली हाथियों ने लगभग एक दर्जन से अधिक घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया और खेतों में लगी फसलों को भी बर्बाद कर दिया। इस घटना से गांव में भय का माहौल बन गया है।
हाथियों के हमले का कारण
जानकारी के अनुसार, पतरातू प्रखंड से खदेड़े जाने के बाद हाथियों का एक झुंड कौवा डोंगरी जंगल की ओर चला गया था। रात में यह झुंड जंगल से निकलकर ग्रामीण इलाकों में आ गया और यहां कई घरों को निशाना बनाया। झुंड ने बलवापानी और आसनाटोली गांव में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया, जहां उन्होंने कई घरों को तहस-नहस कर दिया और घरों में रखे अनाज को खा लिया।
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खेतों और फसलों को भारी नुकसान
हाथियों ने न सिर्फ घरों को नुकसान पहुंचाया, बल्कि खेतों में लगी धान की फसल को भी बर्बाद कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों ने फसल को पूरी तरह से रौंद दिया, जिससे इस साल की पैदावार पर भारी असर पड़ेगा। इस नुकसान से ग्रामीण काफी चिंतित हैं क्योंकि यह उनकी आजीविका का प्रमुख साधन है।
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वन विभाग की कार्रवाई
राड़हा पंचायत में हाथियों के आने की सूचना मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी और कर्मी मंगलवार शाम से ही अलर्ट पर थे। हालांकि, उत्पात के बाद हाथियों का झुंड ओरमांझी प्रखंड के चंद्रा पंचायत की ओर बढ़ गया, जहां से भी उत्पात मचाने की खबरें आ रही हैं।
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मुखिया की प्रतिक्रिया
राड़हा पंचायत के मुखिया राम किशोर मुंडा ने बताया कि हाथियों ने 10 से 15 घरों को नुकसान पहुंचाया है और खेतों में लगी फसलों को बर्बाद कर दिया है। ग्रामीणों को इससे गहरा झटका लगा है, लेकिन अब तक मुआवजे को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है जब हाथियों ने इस इलाके में ऐसा उत्पात मचाया है। मुआवजा दिलाने के प्रयास किए गए हैं, लेकिन अधिकारी इस पर गंभीरता नहीं दिखाते।
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ग्रामीणों की समस्याएं
ग्रामीणों के लिए जंगली हाथियों का यह हमला कोई नई बात नहीं है। पहले भी कई बार हाथियों ने उनके घरों और फसलों को नुकसान पहुंचाया है, लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई और मुआवजे की प्रक्रिया में लगातार देरी होती रही है। ग्रामीणों ने वन विभाग और सरकार से अपील की है कि वे जल्द से जल्द मुआवजा दिलाएं और हाथियों के हमले से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएं।